मुख्य समाचार
गडकरी ने रावी नदी पर पुल का उद्घाटन किया
कठुआ (जम्मू और कश्मीर), 22 जनवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को रावी नदी पर जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले से पंजाब के पठानकोट शहर को जोड़ने वाले 1,210 मीटर लंबे पुल का उद्घाटन किया।
इससे दोनों शहरों की दूरी 36 किलोमीटर कम हो गई है। पुल के उद्घाटन बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि मोदी सरकार ने परियोजनाओं को समय से पहले पूरा कर एक नया मानक स्थापित किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य गुणवत्ता से समझौता किए बिना लोगों को भ्रष्टाचार-मुक्त और पारदर्शी शासन प्रदान करना है।
इस पुल की लागत 158.58 करोड़ रुपये है। कीरियन-गांडियल पुल से अंतरराज्यीय संपर्क में सुधार होगा और जम्मू के कठुआ और पंजाब के पठानकोट में रहनेवाले 2,20,000 से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
सरकार ने कहा कि इस पुल से दोनों शहरों के बीच की दूरी 45 किलोमीटर से घटकर 8.6 किलोमीटर हो गई है।
गडकरी ने कहा कि जम्मू और कश्मीर में पिछले चार सालों में राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क में 969 किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है।
उन्होंने कहा, “राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गो की कुल लंबाई साल 2014 में 1,695 किलोमीटर थी, जो 2018 में बढ़कर 2,664 किलोमीटर हो गई। राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल संख्या सात से बढ़कर 14 हो गई। इस अवधि में 969 किलोमीटर के नए राष्ट्रीय राजमार्गो की घोषणा की गई।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा साल 2015 के नवंबर में राज्य के लिए घोषित विशेष पैकेज के तहत उनका मंत्रालय 45,107 करोड़ रुपये की 16 परियोजनाएं चला रहा है।
गडकरी ने कहा, “इसके अतिरिक्त 30,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का भी काम जारी है।”
मुख्य समाचार
महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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