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गणतंत्र दिवस समारोह में स्वदेशी रक्षा उपकरणों का रहा जलवा

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नई दिल्ली, 26 जनवरी (आईएएनएस)| भारत ने 69वें गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शुक्रवार को यहां स्वदेशी रक्षा उपकरणों का प्रदर्शन किया।

भारत ने इन उपकरणों का प्रदर्शन ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम के तहत रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाने के उद्देश्य से किया है। यहां समारोह में प्रदर्शित किए गए स्वदेशी उपकरणों की सूची इस प्रकार है :

– रुद्र हेलीकॉप्टर : उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव का सशस्त्र संस्करण रुद्र फॉरवर्ड लुकिंग इंफ्रारेड(एफएलआईआर) और थर्मल इमेजिंग साइट इंटरफेस, एक 20 एमएम के टरेट गन, 70 एमएम के रॉकेट पॉड्स, टैंक रोधी मिसाइल और हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से सुसज्जित है। किसी रुद्र हेलीकॉप्टर को पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल किया गया है।

– ध्रुव हेलीकॉप्टर : हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड(एचएएल) द्वारा विकसित उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर वर्ष 2002 से सेवा में है।

– नेत्र : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) ने पहले एयरबोर्न अर्ली वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम (एआईडब्ल्यू एंड सी) ‘नेत्र’ का विकास किया है। इस तरह की प्रौद्योगिकी अमेरिका, रूस और इजरायल के बाद केवल भारत के पास है।

– हल्का लड़ाकू विमान तेजस : एकल सीट और एकल इंजन वाले तेजस को एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी ने विकसित किया है और हिंदुस्तान एयरोनोटिक्स लिमिटेड ने निर्मित किया है। यह 1350 किलोमीटर प्रति घंटा के रफ्तार से उड़ सकता है।

– ब्रह्मोस मिसाइल : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन(डीआरडीओ) और रूस की एनपीओएम का संयुक्त उपक्रम ब्रह्मोस कम दूरी का सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है। इसे जल, थल, उप-समुद और आसमान से लांच किया जा सकता है।

– स्वाति(वेपन लोकेटिंग रडार) : डीआरडीओ और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड(बीईएल) के द्वारा तैयार यह उपकरण हथियारों का पता लगाने में सक्षम है।

– ब्रिज लेयर टैंक टी-72 : डीआरडीओ के द्वारा विकसित ब्रिगेड लेयर टैंक(बीएलटी) प्राकृतिक और मानव निर्मित टैंक रोधी बाधाओं से निपटने की क्षमता प्रदान करता है।

– आकाश मिसाइल प्रणाली : यह मध्यम दूरी की जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली है, जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया है और बीडीएल व बीईएल के संयुक्त प्रयासों से बनाया गया है।

– निर्भय मिसाइल प्रणाली : डीआरडीओ द्वारा विकसित और एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट इस्टेब्लिस्मेंट द्वारा निर्मित लंबी दूरी के सब सोनिक क्रूज मिसाइल ‘निर्भय’ का सफल परीक्षण गत वर्ष नवंबर में किया गया था। इससे पहले इसके चार परीक्षण विफल हो गए थे।

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नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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