Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

गर्भपात कानून पर जनमत संग्रह कराएगी आयरलैंड सरकार

Published

on

Loading

डबलिन, 30 जनवरी (आईएएनएस)| आयरलैंड सरकार ने देश में गर्भपात के कठोर कानून को शिथिल करने के लिए मई में जनमत संग्रह कराने की सहमति दे दी है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार आयरलैंड के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री लिओ वरदकर ने इस मुद्दे पर पहली बार कहा कि गर्भपात नियमों को उदार करने के लिए वह एक मुहिम चलाएंगे और मई के अंत में इसके लिए जनमत संग्रह कराया जाएगा।

कैथोलिक समुदाय की बहुलता वाले देश आयरलैंड में पिछले 35 वर्ष से गर्भपात को कानूनन अपराध माना जाता है और केवल गर्भवती महिला की जीवन रक्षा के लिए इसकी अनुमति दी जाती है। दुष्कर्म के मामलों में, सगे सम्बंधी से यौन संबंध बनने के बाद गर्भवती होने पर या जानलेवा असामान्य भ्रूण होने की स्थिति में गर्भपात की अनुमति नहीं है।

वरदकर ने कहा कि वे मां और अजन्मे बच्चे को समान जीवन का अधिकार देने वाले संविधान के आठवें संशोधन को रद्द करने लिए ‘हां’ मत के पक्ष में आवाज उठाएंगे।

उन्होंने कहा, हम पहले ही असुरक्षित, अनियंत्रित और अवैध गर्भपात की समस्या से जूझ रहे हैं। हम अपनी समस्याओं का निर्यात और समाधान का आयात करना जारी नहीं रख सकते।

उन्होंने कहा, मैं जानता हूं कि आयरलैंड के लोगों के लिए यह एक मुश्किल निर्णय होगा।

मतदान से पहले स्वास्थ्य मंत्री एक कानून का मसौदा पेश करेंगे जिसमें 12 सप्ताह तक की गर्भवती और असाधारण परिस्थितियों में गर्भपात की अनुमति का प्रावधान होगा।

संसद में इस कानून पर बहस के बाद जनमत संग्रह की तिथि निश्चित की जाएगी।

आयरलैंड की राष्ट्रीय महिला परिषद ने जनमत संग्रह के फैसले का स्वागत किया है।

संगठन की निर्देशक ओरला ओ’कॉनर ने कहा, प्रत्येक गर्भाधान भिन्न होता है, प्रत्येक निर्णय निजी होता है। देश की महिलाएं और लड़कियां सम्मान की हकदार हैं। वे निजता के अधिकार, परिवार, घर की हकदार हैं।

वरदकर बीती जून में देश के सबसे युवा और पहले समलैंगिक प्रधानमंत्री बने थे।

वर्ष 2012 में गालवे अस्पताल में एक भारतीय महिला सविता हलप्पनवर को अकाल प्रसव (मिसकैरेज) के बाद गर्भपात की अनुमति नहीं मिलने पर उसकी मृत्यु हो गई थी। इसके बाद गर्भपात के नियमों को सरल करने की मुहिम शुरू हो गई।

Continue Reading

नेशनल

एयर इंडिया की महिला पायलट ने किया सुसाइड, बॉयफ्रेंड करता था प्रताड़ित

Published

on

Loading

मुंबई। एयर इंडिया में महिला पायलट के रूप में काम करने वाली 25 वर्षीय सृष्टि तुली की आत्महत्या का मामला सुर्खियों में है। पायलट ने मुंबई में अपने किराए के फ्लैट डेटा केबल से फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने मृतका सृष्टि तुली के प्रेमी आदित्य पंडित को गिरफ्तार किया है। उस पर महिला को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। वहीं, अब मृतका सृष्टि तुली के घरवालों ने उसके प्रेमी पर कई आरोप लगाए हैं। इनमें से एक आरोप ये भी है कि आदित्य पंडित, सृष्टि को नॉन वेज खाना छोड़ने के लिए प्रताड़ित करता था।

ऐसे में उसने चाभी वाले की मदद से दरवाजा खुलवाया. अंदर जाकर देखा तो सृष्टि का शव पंखे से लटका मिला. इसके लिए उसने डेटा केबल का इस्तेमाल किया था. यह देख आदित्य के पसीने छूट गए. तुरंत पुलिस को इसकी सूचना दी गई. सृष्टि के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. फिर पुलिस ने इसकी सूचना सृष्टि के परिजनों को दी. इसके बाद जो खुलासा हुआ उसने सभी के होश उड़ा दिए.

सृष्टि के परिजनों ने सारा इल्जाम आदित्य पर लगाया. बोले- आदित्य हमारी बेटी को पिछले दो सालों से परेशान कर रहा है. दोनों रिलेशनशिप में थे. बावजूद इसके वो सृष्टि को टॉर्चर देता था. सृष्टि इस कारण डिप्रेशन में चल रही थी. सृष्टि तुली के परिजनों की शिकायत के आधार पर पुलिस ने 26 नवंबर को आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) के तहत केस दर्ज कर लिया. इसके बाद आज बुधवार को उसे गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस ने प्रेमी को किया गिरफ्तार

पंडित ने दोबारा ऐसा नहीं करने की हिदायत दी. कई बार उसे बीच सड़क पर भी छोड़ देता था. पंडित की हरकतों से तुली बहुत परेशान रहने लगी थी. पोस्टमार्टम के लिए घाटकोपर स्थित राजावाड़ी अस्पताल शव भेजा गया था. डॉक्टरों ने मौत की वजह फांसी की वजह से दम घुटना बताया है. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक जितेंद्र सोनावणे ने बताया कि महिला पायलट का प्रेमी के साथ अक्सर झगड़ा होता था. आये दिन झगड़े की वजह से महिला पायलट परेशान रहने लगी थी.

Continue Reading

Trending