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लाइफ स्टाइल

गर्भावस्था के दौरान ऐसे रखें खान-पान का खास ध्यान

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गर्भावस्था के दौरान ऐसे रखें खान-पान का खास ध्याननई दिल्ली | मां बनने का अहसास ही अनोखा होता है। गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने खान-पान का खास ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिला को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह जो भी खाती हैं उससे बच्चे को पोषण मिलता है, इसलिए गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ आहार का सेवन करना चाहिए। आल्टरनेकेयर (टेलीमेडिसीन प्लेटफॉर्म) की न्यूट्रिशनिस्ट तमन्ना नारंग ने गर्भवती महिलाओं के आहार के संबंध में ये सुझाव दिए हैं :

* प्रोटीन : गर्भावस्था के दौरान बच्चे और प्लेसेंटा के विकास के लिए प्रोटीन युक्त आहार जरूर लेना चाहिए। यह जी मिचलाने और थकान से भी लड़ने में मददगार है।

महिला को कितना प्रोटीन लेना चाहिए, यह महिला के वजन पर निर्भर करता है।

सी फूड, लीन मीट, दाल, अंडा, दूध, बीन्स, अनसाल्टेड नट और सीड्स इसका अच्छा स्रोत है।

उपयोगी सुझाव : 90 प्रतिशत गर्भवती भारतीय महिलाओं में प्रोटीन की कमी है। प्रोटीन की मात्रा या कमी से संबंधित जानकारी के लिए पोषण विशेषज्ञ से संपर्क करें। चिकित्सक भी प्रोटान से संबंधित खुराक के बारे में बता सकते हैं।

* आयरन : आयरन खून की कमी और संक्रमण से बचाता है। यह बच्चे और उसके दिमाग के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

पूरे गर्भावस्था के दौरान और अतिरिक्त रूप से 760 मिलीग्राम आयरन की जरूरत होती है।

लीन मीट, स्किनलेश चिकन, मछली अच्छी तरह से पके अंडे, दाल, हरे पत्तीदार सब्जियां, फलियां, मेवा और अनाज आदि आयरन के अच्छे स्रोत हैं।

उपयोगी सुझाव : शरीर में अच्छी तरह से आयरन की आपूर्ति के लिए विटामिन सी युक्त फलों का भोजन के साथ या भोजन करने के फौरन बाद सेवन करें। चाय पीने के एक घंटे बाद या एक घंटे पहले आयरन से समृद्ध आहार लेने से बचें।

* कैल्शियम : मां के खून में कैल्शियम की आपूर्ति होने से बच्चे के शरीर की हड्डियां अच्छी तरह से विकसित होती है। बच्चे के दिल, नसों और मांसपेशियों का विकास कैल्शियम पर निर्भर करता है, अगर मां कैल्शियम को पर्याप्त मात्रा में नहीं ले रही है तो फिर उसकी हड्डियों के भी कमजोर होने की संभावना बढ़ जाती है।

गर्भावस्था के दौरान रोजाना 200 मिलीग्राम कैल्शियम युक्त आहार लेना चाहिए।

कम वसा वाले डेयरी उत्पाद (स्किम्ड मिल्क, पनीर, दही), खाने लायक हड्डियां युक्त मछलियां जैसे सार्डिन, टोफू, नाश्ते में अंकुरित अनाज, ब्रेड, रोटी, साबूत बादाम, संतरे, सूखे मेवे जैसे अखरोट और हरी पत्तेदार सब्जियां कैल्शियम के अच्छे स्रोत हैं।

उपयोगी सुझाव : कैल्शियम सबसे जरूरी खुराक है। यह गर्भावस्था के दौरान मां की पोषण की जरूरतों को पूरा करता है। पर्याप्त मात्रा में विटामिन डी लेने से भी शरीर में कैल्शियम की आपूर्ति होती है।

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पपीता के सेवन से मिलता है लाभ, जानें किन -किन समस्याओं में है लाभकारी

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नई दिल्ली। पपीता एक ऐसा फल है जो साल के बारह महीने बिकता है। इस फल का सेवन सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। खासतौर पर पेट के लिए पपीता का सेवन अमृत सामान है। पपीता पोषक तत्वों का भंडार है, जिसमें ज़रूरी मिनिरल्स, विटामिनों और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पपीते की एक सर्विंग (लगभग 1 कप, क्यूब्स में कटा हुआ) आपको कई समस्याओं से बचा सकती है। सुबह के समय खाली पेट सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलेंगे।

पपीता में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। पपीता बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पपीते में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो रक्तचाप, मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका संचरण को बनाए रखने में मदद करता है। पपीते में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वजन को कम करता है और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, पपीता विभिन्न अन्य विटामिनों और आवश्यक खनिजों का स्रोत है, जिनमें विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।

इन समस्याओं में भी है लाभकारी:

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए: पपीते में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर की संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।

सूजन करे कम: पपीते में लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे अनोखे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण होते हैं। यह गुण पुरानी सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़े लक्षणों को कम करने में मददगार है।

दिल की सेहत करे बेहतर: फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट का पपीता संयोजन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।

त्वचा के लिए भी है फायदेमंद: पपीते में मौजूद विटामिन सी और ए कोलेजन कोलेजन बढ़ाते हैं जिससे स्किन का टेक्स्चर बेहतर होता है और महीन रेखाओं और झुर्रियों से भी छुटकारा मिलता है।

 

 

 

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