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खेल-कूद

गावस्कर को भाग्यशाली मानते थे गैरी सोबर्स!

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मुंबई। महानतम भारतीय बल्लेबाजों में शुमार सुनील गावस्कर ने अपने बेहद सफल करियर से जुड़ी कुछ अनछुई बातें साझा करते हुए कहा कि करियर के शुरुआत में उन्हें भाग्य का काफी साथ मिला। गावस्कर ने मार्च, 1971 से नवंबर, 1987 के बीच 16 वर्षों तक भारत के लिए शानदार क्रिकेट खेला।

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सलामी बल्लेबाज माधव आप्टे की आत्मकथा ‘ऐज लक वुड हैव इट’ के अनावरण के अवसर पर गावस्कर ने अपने पदार्पण टेस्ट श्रृंखला से जुड़ी कई रोचक बातें साझा कीं। गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज दौरे पर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत की थी। गावस्कर ने कहा, “मैं आज यहां सिर्फ अपने भाग्य के कारण हूं। 1971 में वेस्टइंडीज दौरे पर मेरे साथ कुछ-एक घटनाएं ऐसी हुईं जो इसे साबित करती हैं।”

गावस्कर ने कहा कि एक मैच में मैं छह रन के निजी योग पर बल्लेबाजी कर रहा था, तभी मैंने स्क्वायर कट मारा और गेंद काफी ऊपर चली गई। लेकिन क्षेत्ररक्षण कर रहे गैरी सोबर्स के सीने पर वह गेंद लगी और मैं बच गया। उसके बाद मैंने अर्धशतकीय पारी खेली। गावस्कर के नाम 125 टेस्ट मैचों में 10,122 रन हैं। उन्होंने इसी तरह का एक और वाकए का जिक्र करते हुए कहा कि यह घटना मेरे पहले टेस्ट शतक से जुड़ी है। मैं 94 रन बनाकर खेल रहा था और ऑफ स्पिन गेंदबाज पर मैंने फॉरवर्ड शॉट खेला। गैरी सोबर्स मुझसे ठीक पीछे सटकर खड़े थे। लेकिन मैंने चूंकि फॉरवर्ड की ओर शॉट खेला, वह बाईं ओर फॉरवर्ड शॉर्ट लेग की ओर चले गए।

गावस्कर ने आगे बताया, “गेंद मेरे ग्लव्स से टकराई और पीछे की ओर उछल गई। गैरी अगर अपनी पहले वाली जगह ही खड़े रहते तो यह एक साधारण कैच होता। उन्होंने डाइव लगाई हालांकि वह कैच लपक नहीं सके। अगर यह भाग्य नहीं है तो क्या है।” गावस्कर ने यह भी बताया कि उसके बाद से गैरी सोबर्स उन्हें भाग्यशाली मानने लगे और बल्लेबाजी करने उतरने से पहले वह भारतीय ड्रेसिंग रूम में आते और उन्हें छूकर चले जाते।

गावस्कर ने कहा कि रोज सुबह गैरी हमारे ड्रेसिंग रूम में आते और कप्तान अजित वाडेकर को नमस्कार करने के बाद मुझे छूकर चले जाते। इसके बाद गैरी ने उस मैच में सैकड़ा जड़ डाला। अगले मैच में वह फिर आए और मुझे छूकर गए और उन्होंने फिर से 78 रनों की पारी खेली। लेकिन पांचवें टेस्ट में जब वह आए तो वाडेकर ने मुझे शौचालय में बंद कर दिया ताकि वह मुझे छू न सकें। उस मैच में गैरी पहली ही गेंद पर बोल्ड हो गए।

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खेल-कूद

IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात

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पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।

इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।

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