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मुख्य समाचार

गुणवत्ता के लिए है फार्मास्युटिकल क्वालिटी ट्रेनिंग कोर्स

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हैदराबाद, 2 सितम्बर (आईएएनएस)| यूएसपी एजुकेशन का क्वालिटी कंट्रोल कोर्स नए फार्मास्युटिकल पेशेवरों और ग्रेजुएट्स के लिए तैयार किया गया है, ताकि फार्मास्युटिकल उद्योग के भविष्य को आकार देने में उनकी मदद की जा सके।

तेलंगाना सरकार से सहयोग प्राप्त इस संस्थान का लक्ष्य विद्यार्थियों को अनुप्रयोग-चालित और गहन व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करना है, ताकि वह फार्मास्युटिकल विज्ञान में गुणवत्ता की संस्कृति में योगदान दे सकें। हैदराबाद ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट ने अपने पहले ग्रेजुएशन समारोह का आयोजन किया जिसमें उद्योग नियोक्ता, संस्थान मार्गदर्शक और यूएसपी का वरिष्ठ नेतृत्व दल उपस्थित हुआ।

तेलंगाना सरकार के उद्योग, वाणिज्य एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभागों के प्रधान सचिव डॉ. जयेश रंजन ने कहा, यूएसपी के साथ हमारा गठजोड़ तेलंगाना के फार्मास्युटिकल उद्योग में कुशलता और क्षमता का निर्माण करने के लिए हुआ है। हम इस राज्य में फार्मास्युटिकल उत्पादन के लिए एक विश्व स्तरीय पारिस्थितिकी विकसित करना चाहते हैं और भारत तथा विश्व में दवाओं की गुणवत्ता को प्रभावित करना चाहते हैं। इस योजना के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।

यूएसपी के वरिष्ठ वाइस प्रेसिडेन्ट सलह किवलिघन ने दवाओं की गुणवत्ता के लिए ग्रेजुएट्स की प्रतिबद्धता को सराहते हुए कहा, इस कोर्स के प्रति उनकी लगन इस उद्योग में योगदान के लिए उनकी प्रतिबद्धता दर्शाती है। इन उभरते फार्मास्युटिकल पेशेवरों के साथ काम करना यूएसपी का सौभाग्य है, जिससे उन्हें फार्मास्युटिकल उत्पादन में विश्व-स्तरीय गुणवत्ता और उत्कृष्टता में योगदान देने में मदद मिलेगी।

यह प्रशिक्षण यूएसपी के वैज्ञानिकों ने आधुनिक उद्योग के सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों और वर्तमान तथा प्रासंगिक केस स्टडीज के आधार पर तैयार किया है। यह सैद्धांतिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण मुहैया कराता है, जिसमें विद्यार्थी सीखी हुई विषय-वस्तु को दोहरा सकते हैं और उस पर अभ्यास कर सकते हैं।

संस्थान का क्वालिटी एश्योरेन्स कोर्स अक्टूबर से शुरू होगा और इसका एनालिटिकल आरएंडडी कोर्स जनवरी 2019 में शुरू होगा।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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