उत्तराखंड
गुस्से से आगबबूला हुए इस इंजीनियर पति ने पत्नी के 72 टुकड़े कर फ्रिजर में डाला
देहरादून। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक दिल दहला देने वाला किस्सा प्रकाशित हुआ है। जिसने इंसानियत का बुरी तरह से गला घोंट दिया है।
17 अक्टूबर 2010 को देहरादून के प्रकाश नगर निवासी सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी ने अपनी पत्नी अनुपमा की हत्या सिर्फ एक मामूली सी बात पर कर दी।
इतना ही नहीं, बल्कि गुस्से से खौरयाय राजेश ने पहले तकिये से पत्नी का मुंह दबाकर उसकी हत्या की। इसके बाद उसने लाश के 72 टुकड़े कर फ्रिज में बंद कर दिया। घटना के दो महीने बाद लाश के टुकड़े मसूरी रोड में बरामद किए गए।
पुलिस के मुताबिक, उसने यह आईडिया ‘साइलंस ऑफ द लैंब’ नाम की एक अंग्रेजी फिल्म से लिया। इस फिल्म में गुनाहगार लाश के टुकड़े करता था और फिर मिटटी के नीचे दफना देना था ताकि उसकी करतूतों का किसी को कोई सुबूत न मिले।
घटना के बाद जब मां के गायब होने के बारे में बच्चों ने पिता से पूछा तो राजेश ने कहा कि मां नानी के पास दिल्ली गई है। खबरों की मानें तो हत्या से 11 साल पहले राजेश और अनुपमा ने लव मैरिज की थी। लेकिन शादी के साल बाद दोनों के रिश्ते बिगड़ने शुरू हो गए थे। राजेश को अपनी पत्नी से इस कदर नफरत हो गई थी कि उसने उसके साथ रहना भी छोड़ दिया। वह अक्सर बाहर ही रहता था। कोलकाता में उसने दूसरी शादी तक कर ली थी।
फ़िलहाल पुलिस ने आरोपित राजेश को कस्टडी में ले लिया है और कुछ अन्य पूछताछ कर रही है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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