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प्रादेशिक

गोदावरी में हजारों ने लगाई डुबकी

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खम्माम/राजामुंदरी| तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में हजारों लोगों ने गोदावरी महा पुष्कारालु के आखिरी दिन शनिवार को गोदावरी में डुबकी लगाई। महा पुष्कारालु को दक्षिण भारत का कुंभ माना जाता है। 12 दिनों तक चले इस कार्यक्रम के आखिरी दिन लोग नदियों के किनारे बने घाटों पर कतारबद्ध दिखे।

अधिकारियों ने अंतिम दिन उमड़ने वाली भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।

आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के राजामुंदरी में प्रशासन हाई अलर्ट पर है, जहां 14 जुलाई को शुरू हुए स्नान के पहले दिन 27 लोगों की भगदड़ में मौत हो गई थी।

पुलिसकर्मी, दमकलकर्मियों और गोताखोरों को पुष्कर घाट के अतिरिक्त राजमुंदरी के पांच अन्य घाटों पर तैनात किया गया है।

तेलंगाना में जलस्तर को देखते हुए अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। भद्राचलम, धर्मपुरी और कालेश्वरम शहर में सुरक्षा के अतिरिक्त उपाय किए गए हैं।

अधिकारियों का दावा है कि अब तक 10 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई है।

तेलंगाना के पांच जिलों में शुक्रवार तक 5.12 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई, जबकि शनिवार सुबह तक आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी तथा पश्चिमी गोदावरी जिलों में 4.50 करोड़ लोगों ने स्नान किया है।

आखिरी दिन दोनों राज्यों में एक करोड़ से अधिक लोगों के स्नान करने की संभावना है।

महोत्सव का अंत शनिवार शाम विभिन्न तीर्थ केंद्रों पर पुष्कर ज्योति तथा आरती से होगा।

पुष्कारालु 12 साल में एक बार आयोजित होता है और इस साल इसे बेहद पवित्र माना जा रहा है। पुरोहितों ने कहा कि ऐसे संयोग 144 साल में पहली बार बनते हैं।

देशभर से लोग दक्षिण की गंगा माने जाने वाले गोदावरी में पवित्र डुबकी के लिए आते हैं। नागा साधुओं ने खम्माम के भद्राचलम में शाही स्नान किया।

तेलंगाना के पांच जिलों में 106 स्नान घाट बनाए गए हैं, जबकि आंध्र प्रदेश ने दो जिलों में 280 घाट बनाए हैं।

दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने महोत्सव का उद्घाटन किया था। इस दौरान उनके परिवार के सदस्य भी मौजूद थे।

राजमुंदरी में महोत्सव के उद्घाटन के बाद त्रासदीपूर्ण स्थिति पैदा हो गई थी, जब मुख्यमंत्री एन.चंद्रबाबू नायडू के स्नान करने के कुछ देर बाद भगदड़ में दो लोगों की मौत हो गई।

घटना से दुखी नायडू ने हालात पर नजर रखने के लिए पूरे स्नान के दौरान इसी शहर में रहने का फैसला किया।

इसके बाद अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित किया और महोत्सव का आयोजन सुचारु तरीके से हुआ।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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