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गोवा : मंत्री पत्नी की टिप्पणी की कांग्रेस ने निंदा की
पणजी| गोवा सरकार के एक मंत्री की पत्नी द्वारा की गई टिप्पणी की कांग्रेस ने सोमवार को कड़ी निंदा की। दरअसल, मंत्री की पत्नी ने एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान देश में दुष्कर्म की घटनाओं के लिए पश्चिमी संस्कृति को जिम्मेदार ठहराया था। इतना ही नहीं, उन्होंने हिंदुओं से अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल में नहीं पढ़ाने का भी आग्रह किया था। यह टिप्पणी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक और कारखाना एवं बॉयलर मंत्री दीपक धवलीकर की पत्नी लता धवलीकर ने की थी। एमजीपी गोवा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार का हिस्सा है।
लता ने रविवार को पणजी से 35 किलोमीटर दूर मडगांव में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान यह टिप्पणी की थी।
कांग्रेस प्रवक्ता दुर्गादास कामत ने यहां जारी एक बयान में कहा, “धार्मिक आधार पर राज्य और देश को बांटने का यह एक स्पष्ट प्रयास है। दुष्कर्म की घटनाओं को पश्चिमी संस्कृति से जोड़ना और बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल भेजने से रोकने के लिए परिजनों पर दबाव ड़ालना बीमार मानसिकता को दर्शाता है।”
सोमवार को जारी मीडिया रपटों के मुताबिक, लता धवलीकर ने कहा था, “महिलाओं द्वारा पाश्चात्य संस्कृति को अपनाए जाने से दुष्कर्म की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।” लता हिंदू संगठन सनातन संस्था की सदस्य है।
लता ने कहा था, “यह समय अपने समृद्ध प्राचीन भारतीय संस्कृति पर गर्व करने का है। आज भारतीय महिलाओं में माथे पर कुमकुम नहीं लगाने का चलन है। वे चुस्त और भड़काऊ कपड़े पहनती हैं। अपने बाल कटवाती हैं और अजीब से हेयरस्टाइल करती हैं।”
मंत्री की पत्नी ने हिंदू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में दर्शकों का टेलीफोन पर जवाब देते समय ‘हेलो’ के बजाए ‘नमस्कार’ कहने पर जोर दिया। उन्होंने घर से बाहर जाते समय पुरुषों से तिलक लगाने और महिलाओं से बिंदी लगाने का भी आग्रह किया।
कामत ने कहा, “हमें गोवा में इस तरह की टिप्पणी सुनकर गहरा दुख हुआ है। क्योंकि यहां राज्य की आबादी की तुलना में ईसाई समुदाय की संख्या 26 प्रतिशत से अधिक है। भाजपा और मोदी अपने ही नेताओं द्वारा सांप्रदायिक बयानबाजी की जांच करने में असफल रहे हैं। अब ऐसा प्रतीत होता है कि इस तरह की बयानबाजी से अन्य लोग भी प्रेरित हो रहे हैं।”
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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