Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

बिजनेस

ग्रीस संकट भारत के लिए चिंताजनक नहीं : राजन

Published

on

RBI Governor rajan

Loading

चेन्नई। ग्रीस के आर्थिक संकट का असर भारत पर सीमित रूप से होगा और भारतीय रिजर्व बैंक केंद्र सरकार के साथ सरकारी बैंकों में अतिरिक्त पूंजी निवेश के मुद्दे पर बात कर रहा है। यह बात गुरुवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कही। गवर्नर ने कहा कि देश में निवेश बढ़ रहा है और विकास दर में तेजी लाने के लिए सुधार जरूरी है।

राजन रिजर्व बैंक के बोर्ड की बैठक के बाद यहां संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का उधार नहीं चुका पाने वाले ग्रीस के संकट का असर पर भारत पर अधिक नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने हालांकि कहा कि ग्रीस मुद्दे के कारण मुद्रा विनिमय दर प्रभावित हो सकती है। ग्रीस में कुछ अधिक बुरा होने पर विदेश से भारत में होने वाला निवेश प्रभावित हो सकता है।

राजन ने कहा कि वैश्विक निवेशक विश्लेषण करने के बाद भारत को अधिक रोचक पाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत की आर्थिक नीति मजबूत है और विकास की संभावना तथा विदेशी पूंजी भंडार की स्थिति बेहतर है। महंगाई के बारे में उन्होंने कहा कि बैंक महंगाई तथा मानसून की प्रगति पर नजर रखे हुए है। बैंकों की गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के बारे में पूछने पर राजन ने कहा कि रिजर्व बैंक देश के बैंकों से बात कर रहा है, ताकि वे जल्द से जल्द इस मुद्दे पर खुद को तैयार करें।

राजन ने कहा कि सरकारी बैंकों का नया प्रमुख नियुक्त करने की कवायद जल्द ही पूरी हो जाएगी। उन्होंने कहा कि निर्यात के मोर्चे पर स्थिति कमजोर है, लेकिन दूसरे एशियाई देशों की भी यही स्थिति है। ग्रीस मामले में इस बीच फ्रांस के वित्त मंत्री मिशेल सैपिन ने गुरुवार को चेतावनी देते हुए कहा कि रविवार के जनमत संग्रह में ग्रीस के नागरिक यदि तीन कर्जदाता यूरोपीय संघ, यूरोपीय केंद्रीय बैंक और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रस्ताव को स्वीकार करने के विरुद्ध मतदान करेंगे, तो उससे आखिरकार ग्रीस यूरो जोन से बाहर हो जाएगा।

इससे पहले ग्रीस के वित्त मंत्री यानिस वारोफाकिस ने एक बयान जारी कर नागरिकों से कहा था कि ग्रीस कर्ज संकट पर यूरो समूह की चर्चा बेनतीजा रहने के बाद रविवार के जनमत संग्रह में अंतर्राष्ट्रीय कर्जदाताओं के प्रस्तावों के खिलाफ मत देना न्यायाोचित होगा। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के कर्ज की किश्त चुकाने की समयसीमा मंगलवार आधी रात को समाप्त हो गई। सोमवार से ग्रीस में बैंकों पर ताले लगा दिए गए। इसके साथ ही पूंजी नियंत्रण भी लगा दिया गया। कर्ज न चुकाने की हालत में ग्रीस दीवालिया (डिफॉल्टर) घोषित हो सकता है। इसके साथ ही वह यूरोक्षेत्र से बाहर भी हो सकता है।

उधर अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इटली के प्रधानमंत्री मत्तेयो रेनजी से ग्रीस संकट पर चर्चा की, जिसमें दोनों नेताओं में ग्रीस संकट का निदान करने के लिए सुधार और वित्तीयन पर सहमति बनी है। ह्वाइट हाउस से बुधवार को जारी बयान में बताया गया है कि ओबामा और इटली के प्रधानमंत्री के बीच टेलीफोन पर हुई वार्ता में दोनों नेताओं में मिलकर काम करने और ग्रीस को सुधार और वित्तीयन के पथ पर वापस लाने के लिए सहमति बनी। इसके साथ ही आईएमएफ ने ग्रीस को कर्ज भुगतान के लिए अधिक समय देने के आग्रह को नकारने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि ग्रीस के अनुरोध को स्वीकार करने से देश का संकट समाप्त नहीं होगा।

आईएमएफ के मुताबिक, “30 से अधिक साल पहले आईएमएफ ने कम आय वाले देशों के ऋण की समयसीमा में देरी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया था, लेकिन प्रत्येक मामले में देरी से तत्काल वित्तीय जरूरतों और मूलभूत आर्थिक समस्याों में मदद नहीं मिली। आईएमएफ की प्राथमिकता इस मुश्किल भरे समय में ग्रीस के लोगों की मदद करना है।”

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

Published

on

Loading

नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

Continue Reading

Trending