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घर के शेर सनराइजर्स की भिड़ंत आज दिल्ली डेयरडेविल्स से

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हैदराबाद। मौजूदा चैम्पियन सनराइजर्स हैदराबाद की टीम बुधवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के 10वें संस्करण में अपने घरेलू मैदान- राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ेगी। सनराइजर्स की तीन जीत अभी तक अपने घर में ही आई हैं और अब उसका प्रयास लगातार चौथी जीत की होगी। उन्होंने सोमवार को अपने आखिरी मैच में घर में किंग्स इलेवन पंजाब को मात दी थी। सनराइजर्स ने घर से बाहर अभी तक दो मैच खेले हैं और दोनों में उसे हार मिली है।

अगले मैच में उन्हें दिल्ली से अच्छी चुनौती मिल सकती है। दिल्ली ने पंजाब को मात दी थी, लेकिन सोमवार को ही कोलकाता नाइट राइडर्स ने उसे उसके घर में मात देते हुए जीत की हैट्रिक लगाने से रोक दिया था। दिल्ली की बल्लेबाजी का दारोमदार युवा खिलाडय़िों पर है, जिन्होंने टीम को अभी तक निराश नहीं किया है। दिल्ली के पास संजू सैमसन, करुण नायर, श्रेयस अय्यर, सैम बिलिंग्स, ऋषभ पंत जैसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं।

वहीं उसका गेंदबाजी आक्रमण अनुभवी होने के साथ-साथ आक्रामक भी है। दिल्ली के पास कप्तान जहीर खान के रूप में बेहद अनुभवी गेंदबाज है तो वहीं पैट कमिंस, कागिसो रबाडा, मोहम्मद शमी, अमित मिश्रा जैसे गेंदबाज उसे और धार देते हैं।

वहीं दिल्ली के पास क्रिस मोरिस, कार्लोस ब्राथवेट, कोरी एंडरसन, एंजेलो मैथ्यूज के रूप में बेहतरीन हरफनमौला खिलाड़ी भी हैं जो तेजी से रन भी बना सकते हैं और गेंदबाजी से भी प्रभावी साबित हो सकते हैं। वहीं, सनराइजर्स की टीम भी बेहद संतुलित है। उसके पास गेंदबाजी और बल्लेबाजी दोनों में अच्छा अनुभव है।

बल्लेबाजी में कप्तान डेविड वानर्र, शिखर धवन, युवराज सिंह हैं तो वहीं गेंदबाजी में आशीष नेहरा, भुवनेश्वर कुमार हैं। अंत के ओवरों में यह दोनों टीम के लिए हमेशा कारगर साबित हुए हैं। वहीं बांग्लादेशी मुस्तफिजुर रहमान के रहते हुए टीम का तेज गेंदबाजी आक्रमण और पैना हो जाता है। सनराइजर्स के लिए इस आईपीएल में अफगानिस्तान के राशिद खान बेहद कारगर साबित हुए हैं। उनकी स्पिन को अभी तक बल्लेबाजों को समझने में काफी परेशानी हुई है। राशिद के अलावा पिछले मैच में मैदान पर उतरने वाले स्पिनर मोहम्मद नबी भी विपक्षी टीम के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं।

इस टीम की ताकत गेंदबाजी है। यह बात पंजाब के खिलाफ हुए मैच के बाद भुवनेश्वर ने भी मानी थी। ऐसे में युवा और अनुभव की कमी वाली दिल्ली का बल्लेबाजी आक्रमण सनराइजर्स की चुनौती को कैसे पार करता है यह देखना दिलचस्प होगा।

संभावित टीमें :

दिल्ली डेयरडेविल्स : जहीर खान (कप्तान), मोहम्मद शमी, शाबाज नदीम, जयंत यादव, अमित मिश्रा, श्रेयस अय्यर, संजू सैमसन, करुण नायर, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), चामा मिलिंद, खलील अहमद, प्रत्यूष सिंह, मुरुगन अश्विन, आदित्य तारे, शशांक सिंह, अंकित बवाने, नवदीप सैनी, कोरी एंडरसन, एंजेलो मैथ्यूज, पैट कमिंस, कागीसो रबाडा, क्रिस मोरिस, कार्लोस ब्रैथवेट और सैम बिलिंग्स।

सनराइजर्स हैदराबाद : डेविड वॉर्नर (कप्तान), शिखर धवन, भुवनेश्वर कुमार, मोएजिज हेनरिक्स, नमन ओझा, रिकी भुई, केन विलियमसन, सिद्धार्थ कौल, बिपुल शर्मा, आशीष नेहरा, युवराज सिंह, बेन कटिंग, अभिमन्यू मिथुन, अभिमन्यू मिथुन, बारिंदर सरन, दीपक हुड्डा, विजय शंकर, राशिद खान, मोहम्मद सिराज, मोहम्मद नबी, एकलव्य द्विवेदी, क्रिस जॉर्डन, बेन लाफलिन, बेन लाफलिन और प्रवीण तांबे।

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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।

उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।

राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।

विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा

प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।

विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान

योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।

समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा

पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।

खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग

योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।

बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति

चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।

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