अन्तर्राष्ट्रीय
घाटे में चल रहे कारोबार में बाहरी सीईओ कारगर
न्यूयार्क| एक नए अध्ययन में पता चला है कि किसी कंपनी में नियुक्त किए गए बाहरी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) शोध और विकास पर अधिक खर्च करते हैं, जबकि कंपनी के अंदर से चुने गए सीईओ बड़े और रणनीतिक अधिग्रहण पर अधिक ध्यान देते हैं। छह दशकों तक किए गए अध्ययन के मुताबिक 78 फीसदी मामलों में सीईओ की नियुक्ति कंपनी के अंदर से ही हुई और बाहरी सीईओ ने ऐसी वित्तीय रणनीतियां अपनाईं, जो अलग-अलग जरूरत वाली कंपनियों के लिए सर्वाधिक उपयुक्त थी। मिसौरी विश्वविद्यालय के ट्रलेस्क कॉलेज ऑफ बिजनेस के प्रोफेसर स्टीफन फेरिस ने कहा, “कंपनी की माली हालत यदि खराब है और वह बाहरी सीईओ नियुक्त करती है, तो इसका मतलब यह हुआ कि बोर्ड समस्या को निपटाने के प्रति गंभीर है।” बाहरी सीईओ नियुक्ति करने वाली कंपनी में भरोसे के साथ निवेश थोड़ा बढ़ाया जा सकता है।
फेरिस ने कहा, “आंतरिक सीईओ नियुक्त किए जाने से यह संकेत मिलता है कि कंपनी का प्रदर्शन स्थिर है और पहले से जारी सफल रणनीति को ही आगे बढ़ाना चाहती है।” फेरिस और उनके सहयोगियों ने 1951-2010 के बीच स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 500 इंडेक्स की सभी कंपनियों में 2,524 सीईओ की नियुक्ति और उसके परिणाम का अध्ययन किया। अध्ययन के मुताबिक, बाहरी सीईओ शोध और विकास पर अधिक खर्च करते हैं। फेरी के मुताबिक यह नवाचार की प्रतिबद्धता का परिचायक है। कहा गया है कि आंतरिक रूप से बहाल किए गए सीईओ बाहरी सीईओ के मुकाबले हालांकि कम अधिग्रहण और विलय करते हैं, लेकिन जो भी अधिग्रहण वे करते हैं, उसका आकार बड़ा होता है और ये सौदा वे नकदी में न करके शेयरों की अदला-बदली के जरिए करते हैं। फेरी ने कहा, “यदि कंपनी अच्छा प्रदर्शन कर रही है, तो आंतरिक प्रक्रिया ऐसे उम्मीदवारों की पहचान और उनका विकास करने के लिए काफी है, जो आखिरकार कंपनी को नेतृत्व देंगे और कंपनी का मूल्य बढ़ाएंगे।”
अन्तर्राष्ट्रीय
लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद
नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।
बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।
मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।
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