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बिजनेस

चना पिछले साल के मुकाबले आधे दाम पर बिक रहा

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नई दिल्ली, 3 फरवरी (आईएएनएस)| चने की नई फसल की आवक शुरू होते ही कीमतों में भारी गिरावट आ गई है। पिछले साल के मुकाबले तकरीबन आधी कीमतों पर चना आज देशभर की मंडियों में बिक रही है।

कारोबारियों का कहना है कि इस साल चने की बुआई जोरदार रहने से उत्पादन में नया रिकॉर्ड देखने को मिल सकता है।

सरकार की ओर से तय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) किसानों के लिए कितना लाभकारी साबित हो सकता है, यह आनेवाला समय बताएगा। बहरहाल नई फसल एमएसपी से करीब 1,000 रुपये प्रति क्विं टल कम दर पर बिक रही है।

मौजूदा फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में प्रमुख रबी दलहन फसल चना का रिकॉर्ड उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल गेहूं व तिलहनों के अच्छे दाम नहीं मिलने से मध्यप्रदेश में किसानों ने चने में कुछ ज्यादा दिलचस्पी दिखाई है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर प्रकाशित आंकड़ों के मुताबिक, देश में चने का औसत रकबा 86.81 लाख हेक्टेयर रहता है, जबकि इस साल देशभर में चने का रकबा बढ़कर 107.29 हेक्टेयर हो गया है, जोकि पिछले साल के 99.04 लाख हेक्टेयर से 8.28 फीसदी ज्यादा है।

दिल्ली के कारोबारी पवन गुप्ता ने कहा कि इस साल किसानों व उत्पादक मंडियों से जैसी रिपोर्ट मिल रही है उससे चने का उत्पादन सौ लाख टन भी हो जाए तो इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है।

पिछले साल देशभर में चने का उत्पादन अनुमान 93.3 लाख टन था (चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक) जबकि इस साल के लिए सरकार ने 97.5 लाख टन का लक्ष्य रखा है। अब तक का रिकॉर्ड चना उत्पादन का आंकड़ा 2013-14 का है जब देश में रबी सीजन में मौसम अनुकूल होने के कारण 95.3 लाख टन चने का उत्पादन हुआ था।

मध्य प्रदेश में इस साल पिछले साल के 32.52 लाख हेक्टेयर के मुकाबले चने का रकबा 35.9 लाख हेक्टेयर है जबकि कर्नाटक में किसानों ने 13.8 लाख हेक्टेयर में चने की खेती की है, पिछले साल यह आंकड़ा 10.81 लाख हेक्टेयर था। महाराष्ट्र में चने का रकबा इस साल पिछले साल के 18.68 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 19.77 लाख हेक्टेयर हो गया है।

कारोबारी सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में चने की नई फसल की आवक शुरू हो गई है और कुछ दिनों में राजस्थान व अन्य राज्यों में भी नया चना मंडियों में उतर जाएगा।

कर्नाटक के गुलबर्गा में शनिवार को नया चना 3700-3800 रुपये प्रति क्विं टल था वहीं, मुंबई की अकोला मंडी में नए चने में 3400-3750 रुपये प्रति क्विं टल पर कारोबार हुआ। मध्यप्रदेश की नीमच मंडी में नया चना 3000-3300 रुपये प्रति क्विं टल बिका।

नीमच के चना कारोबारी पीयूष गोयल ने बताया कि पिछले साल से अगर तुलना करें तो चने की कीमत इस साल आधी रह गई है। अब देखना है कि भावांतर से किसानों को कितना फायदा मिल पाता है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में एमएसपी से नीचे बाजार भाव होने की सूरत में सरकार ने किसानों को भाव का अंतर यानी भावांतर की भरपाई करने का वादा किया है।

दिल्ली में पुराना चना करीब 4000-4100 रुपये प्रति क्विं टल चल रहा है।पिछले साल इसी समय यह 6200-6500 रुपये प्रति क्विंटल था।

सरकार ने आस्ट्रेलिया, तंजानिया व अन्य जगहों से चने के आयात में इजाफा होने पर 21 दिसंबर को चने पर 30 फीसदी आयात शुल्क लगा दिया। इस वित्त वर्ष में अप्रैल से अक्टूबर के बीच चने का 5.83 लाख टन आयात हुआ जबकि उससे पिछले साल इसी अवधि में यह आंकड़ा 1.22 लाख टन था।

राजस्थान के कारोबारी उत्तम जेठवानी ने बताया कि चने की फसल अच्छी है। राजस्थान में फसल थोड़ी देर से आएगी तब तक भाव काफी टूट जाएगा।

मालूम हो कि फसल वर्ष 2017-18 में उत्पादित रबी फसलों के लिए सरकार ने जो एमएसपी तय की है उसके अनुसार चना का एमएसपी 4400 रुपये प्रति क्विंटल है जिसमें 150 रुपये बोनस भी शामिल है।

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मारुति सुजुकी ने लॉन्च की नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर, शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख

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नई दिल्ली। मारुति सुजुकी ने भारत में अपनी नई 4th-जनरेशन मारुति सुजुकी डिजायर को सोमवार (11 नवंबर) को लॉन्च किया। कंपनी ने इसकी शुरुआती कीमत ₹6.79 लाख (एक्स-शोरूम, दिल्ली) रखी है। इस मॉडल को 5-स्टार GNCAP क्रैश टेस्ट रेटिंग मिली है और यह सेगमेंट में सर्वश्रेष्ठ माइलेज का दावा करती है। डिजायर, भारत की सबसे लोकप्रिय सब-4 मीटर कॉम्पैक्ट सेडान रही है, जिसकी अब तक 27 लाख से अधिक यूनिट्स बिक चुकी हैं।

माइलेज मिलेगा शानदार

मारुति सुजुकी ने नई स्टैंडर्ड डिजायर के लिए 24.79 किमी प्रति लीटर, ऑटोमैटिक डिजायर के लिए 25.71 किमी प्रति लीटर और सीएनजी वैरिएंट के लिए 33.73 किमी प्रति किलो की माइलेज का दावा किया है।

सेफ्टी का है खास इंतजाम

ग्लोबल एनसीएपी के क्रैश टेस्ट में मारुति सुजुकी की नई डिजायर को एडल्ट पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 5 स्टार रेटिंग और चाइल्ड पैसेंजर की सुरक्षा के लिए 4 स्टार मिले हैं। एमएसआई के पास वर्तमान में कुल घरेलू यात्री वाहन खंड में 40 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी (थोक) है। खुदरा बिक्री के मामले में कंपनी ने अक्टूबर में 2.02 लाख इकाइयों के साथ अपना अब तक का सर्वोच्च प्रदर्शन दर्ज किया। सेडान खंड में इसकी बाजार हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से अधिक है।

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