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चित्र प्रदर्शनी ‘क्रीसियंते’ में 70 युवा चित्रकारों की भागीदारी

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नई दिल्ली, 30 सितंबर (आईएएनएस)| नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट्स (नीफा) के छात्रों की 12वीं वार्षिक चित्र प्रदर्शनी ‘क्रीसियंते’ में 70 उभरते युवा कलाकारों को अपना कला-कौशल दिखाने का शानदार मौका मिला है। इस पेंटिंग प्रदर्शनी का आयोजन यहां के ऑल इंडिया फाइन आर्ट्स एंड क्राफ्ट सोसायटी (एआईएफएसी) में किया जा रहा है। नीफा द्वारा शो क्यूरेटर रेणु खेड़ा के मार्गदर्शन में आयोजित यह प्रदर्शनी 5 अक्टूबर तक जारी रहेगी, जिसमें लगभग 150 चित्र-कृतियों का प्रदर्शन किया गया है।

सात दिन तक चलने वाली इस प्रदर्शनी का अनावरण शुक्रवार की शाम भारत में पेरू के राजदूत जॉर्ज जूआन कास्तनेदा मेंडेज, पद्मभूषण राम वी. सुतार, प्रो. प्रेम सिंह, कलाकार निलाद्री पॉल, नवल किशोर, नीफा की प्रबंध निदेशक रेणु खेरा व चेयरमैन सुनील खेरा ने किया।

सात दिवसीय यह कला प्रदर्शनी छात्रों द्वारा साल भर कला के प्रति उनके रुझान और कड़ी मेहनत को प्रदर्शित करती है। प्रदर्शनी में जीवन के विभिन्न पहलुओं व विषयों को पेंटिंग का केंद्र बनाया गया है। छात्रों ने प्रकृति, अध्यात्मिकता, आजादी, उम्मीद, खुशी जैसे विषयों के आधार पर चित्र तैयार किए हैं। प्रदर्शनी का मूल उद्देश्य उभरते युवा कलाकारों को मंच प्रदान करना और उनके कला-कौशल का प्रसार करना है।

जॉर्ज मेंडेज ने कहा कि छात्रों ने बहुत ही शानदार काम किया है। सभी उभरते कलाकारों ने मुझे बहुत प्रभावित किया। युवा कलाकारों की सोच व उनका कला-कौशल देखकर अभिभूत हूं। उन्होंने कहा कि इन कलाकारों को और मौके मिलने चाहिए।

पद्मश्री राम सुतार ने कहा कि युवा कलाकारों का काम और ऐसी संकलित प्रदर्शनी अपने आप में अच्छा अनुभव है। यह इन सभी कलाकारों को आगे बढ़ने व इनका मनोबल बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

नीफा की इस 12वीं वार्षिक प्रदर्शनी के विषय में रेणु खेरा बताती हैं कि क्रिसियंते एक स्पैनिश शब्द है, जिसका अर्थ है ग्रोइंग या राइजिंग यानी आगे बढ़ना। यह शो भविष्य के 70 कलाकारों के लिए एक मंच है, जो कला के क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए नाम कमाना चाहते हैं।

रेणु खेरा ने बताया कि इस ग्रुप शो में विभिन्न माध्यमों में कार्यों का प्रदर्शन किया गया है, जिनमें कागज पर चारकोल, कैनवास पर ऐक्रेलिक, कैनवास पर तेल, वाटर कलर का काम और मिक्स मिडियम शामिल हैं। प्रदर्शनी में प्रत्येक छात्र विभिन्न माध्यमों में तीन मूल, रचनात्मक कलाकृतियों का प्रदर्शन कर रहा है।

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हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा -“पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री”

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राजस्थान। राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार (6 नवंबर) से पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की पांच दिवसीय हनुमंत कथा शुरू हुई. यहां बागेश्वर सरकार अपने मुखारविंद से भक्तों को धर्म और आध्यात्मिकता का संदेश देंगे. छोटी हरणी हनुमान टेकरी स्थित काठिया बाबा आश्रम के महंत बनवारीशरण काठियाबाबा के सानिध्य में तेरापंथनगर के पास कुमुद विहार विस्तार में आरसीएम ग्राउंड में यह कथा हो रही है.

इस दौरान बागेश्वर धाम सरकार ने भी मेवाड़ की पावन माटी को प्रणाम करते हुए सबका अभिवादन स्वीकार किया. हनुमंत कथा कहते हुए बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री महाराज ने हिंदू एकता और सनातन जागृति का संदेश दिया.

उन्होंने कहा, “हनुमानजी महाराज की तरह भेदभाव रहित होकर सबको श्रीरामजी से जोड़ने के कार्य से प्रेरणा लेते हुए सनातन संस्कृति से छुआछूत जातपात के भेदभाव को मिटाना है. अगर हिंदू राष्ट्र बनाना है तो हर भेद को मिटाकर हर सनातनी को गले से लगाना होगा. व्यास पीठ पर आरती करने का हक सभी को है. इसी के तहत भीलवाड़ा शहर के स्वच्छताकर्मी गुरुवार को व्यास पीठ की आरती करेंगे.”

हिंदू सोया हुआ है

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि वर्तमान समय में हिंदू की बुरी दशा है। कुंभकर्ण के बाद कोई सोया है तो वह हिंदू सोया है। अब हिंदुओं को जागना होगा और घर से बाहर निकलना होगा। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हमारे तन में जब तक प्राण रहेंगे तब तक हम हिंदुओं के लिए बोलेंगे, हिंदुओं के लिए लड़ेंगे। अब हमने विचार कर लिया है कि मंच से हिंदू राष्ट्र नहीं बनेगा। उन्होंने कहा कि हमें ना तो नेता बनना है ना किसी पार्टी को वोट दिलाना है। हम बजरंगबली की पार्टी में है, जिसका नारा भी है- जो राम का नहीं वह किसी काम का नहीं।

 

 

 

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