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चिदम्बरम ने कबूला- कांग्रेस ने की गलती, रुश्दी ने उठाए सवाल

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नई दिल्ली। सलमान रुश्दी के उपन्यास ‘द सैटेनिक वर्सेज’ पर तत्कालीन राजीव गांधी सरकार द्वारा रोक लगाने के 27 साल बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि यह गलत था। चिदम्बरम के इस कबूलनामे पर रुश्दी ने सवाल उठाया है। उन्होंने पूछा है गलती मानने में 27 साल लगे, इसे सुधारने में कितना वक्त लगेगा?

पूर्व वित्त मंत्री चिदंबरम ने एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे यह कहते हुए कोई संकोच नहीं है कि रुश्दी की किताब पर प्रतिबंध गलत था। जब चिदंबरम से पूछा गया कि वह इतने साल बाद यह बात क्यों कह रहे हैं, तो उन्होंने कहा, अगर आप मुझसे 20 साल पहले पूछते, तब भी मैं यही बात कहता। 1986 से 89 तक रही राजीव गांधी की सरकार में गृह राज्यमंत्री रहे चिदंबरम ने यह भी कहा कि इंदिरा गांधी ने 1980 में स्वीकार किया था कि आपातकाल लगाना एक भूल थी।

उल्लेखनीय है कि रुश्दी की किताब ‘द सैटेनिक वर्सेज’ पर प्रतिबंध अक्टूबर 1988 में लगाया गया था। मुस्लिम समुदाय ने इस किताब के कुछ हिस्से पर यह कहते हुए एतराज जाहिर किया था उसमें ईशनिंदा की गई है। रुश्दी की किताब को बैन करने वाला भारत दुनिया का पहला देश था।

ऐसे में अब किताब पर पाबंदी लगाने के फैसले को ‘गलत’ बताने के बाद कांग्रेस नेता चिदंबरम के पक्ष-विपक्ष में कांग्रेस में भी कई प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा है कि अगर 27 साल पहले कुछ गलत हुआ था, और वह (चिदंबरम) इस स्वीकार कर रहे हैं तो इसका सही भावना से स्वागत किया जाना चाहिए। हालांकि कांग्रेस के एक अन्य नेता हंसराज भारद्वाज ने राजीव सरकार के फैसले को उचित ठहराया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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