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बिजनेस

चुनावी बांड से आएगी पारदर्शिता : जेटली

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नई दिल्ली, 2 जनवरी (आईएएनएस)| वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि चुनावी बांड से राजनीतिक चंदे की वर्तमान प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। उन्होंने लोकसभा को बताया कि ये ब्रांड केवल पंजीकृत राजनीतिक दल को ही दिए जा सकते हैं।

जेटली ने कहा, पारदर्शिता का तत्व यह है कि जो दानदाता इन बांड को खरीदेंगे, उनके बैलेंस शीट से पता चल जाएगा कि उन्होंने इनकी खरीद की है। राजनीतिक दल चुनाव आयोग के पास अपना र्टिन दाखिला करेंगे और सामूहिक रूप से प्राप्त बांडों की जानकारी भी देंगे।

मंत्री ने कहा, इसलिए, इससे दानदाताओं से एक नंबर का धन राजनीतिक दलों को प्राप्त होगा और पारदर्शिता आएगी।

जेटली ने कहा कि जब चंदे की रकम नकदी में दी जाती है तो धन के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती। दानदाता के बारे में कोई जानकारी नहीं मिलती, कहां ये खर्च किए गए, इसकी भी कोई जानकारी नहीं मिलती। इसलिए चुनावी बांड से वर्तमान प्रणाली में पारदर्शिता आएगी।

सरकार ने इस साल के बजट में राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे को रोकने के लिए चुनावी बांड की घोषणा की थी।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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