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चुनाव बिहार का, प्रचार पंजाब में

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चंडीगढ़। पंजाब में अभी विधानसभा का चुनाव होने में वक्त है लेकिन फिर भी राज्य में चुनावी गहमागहमी बनी हुई है। दरअसल, इस गहमागहमी का संबंध पंजाब की राजनीति से नहीं बल्कि बिहार के चुनाव से है। राज्य में प्रवासी बिहारियों की काफी संख्या रहती है और सभी पार्टियां इन्हें अपनी तरफ आकर्षित करने में लगी हुई हैं।

भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब में ‘चलो बिहार अभियान’ छेड़ा हुआ है। पार्टी बिहार के लोगों से अपील कर रही है कि वे मत देने के लिए अपने गृह राज्य जरूर जाएं। कांग्रेस और जनता दल (युनाइटेड) जैसी अन्य पार्टियां भी पंजाब में बिहारी मतदाताओं को रिझाने में लगी हुई हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पंजाब के अलग-अलग क्षेत्रों में करीब 20 लाख बिहारी काम कर रहे हैं। इनमें से 13 लाख लुधियाना के औद्योगिक इलाके में ही काम कर रहे हैं।

ऐसे में कहने की जरूरत नहीं है कि सभी पार्टियों का सबसे ज्यादा ध्यान लुधियाना पर ही टिका हुआ है। पंजाब की भाजपा इकाई के किसी भी नेता को बिहार में चुनाव के काम में नहीं लगाया गया है। इनसे कहा गया है कि वे अपने राज्य में मौजूद बिहारी मतदाताओं से संपर्क करें। भाजपा की पंजाब इकाई के अध्यक्ष कमल शर्मा कहते हैं, “अपने एक साल के शासनकाल में भाजपा ने देश की छवि को बदल दिया है। पूरी दुनिया अब हमें एक नई महाशक्ति के रूप में देख रही है। बिहार के लोगों के लिए वक्त आ गया है कि वे उन्हें (भाजपा को) चुनें जो खुद को साबित कर चुके हैं।”

भाजपा की प्रवासी शाखा ने बीते हफ्ते लुधियाना में सभा की थी। इसमें राज्यसभा सांसद और पंजाब में पार्टी प्रभारी प्रभात झा ने भी हिस्सा लिया। झा ने सभा में कहा, “यह बिहार के राजनैतिक नेतृत्व की नाकामी है कि एक ओर जहां सभी राज्य विकास के नए अध्याय लिख रहे हैं, वहीं बिहार विकास के मामले में सबसे पिछड़े राज्यों में शामिल है। भाजपा इस परिदृश्य को बदल देगी लेकिन इसके लिए जरूरी है कि पंजाब में काम करने वाले बिहार के हर मतदाता का मत भाजपा को मिले। ”

1960 के दशक में हरित क्रांति के बाद पंजाब में आई समृद्धि ने बिहार (जिसमें आज का झारखंड शामिल था) के श्रमिकों का रुख पंजाब की तरफ किया था। उद्यान विशेषज्ञ भगवान सिंह ने कहा, “सच तो यह है कि बिहार से मजदूरों की पहली खेप 1968 में मेरे बानुर के फार्म पर आई थी। वे सभी मेहनती श्रमिक थे। उनमें से कई पंजाब में बस गए।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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