खेल-कूद
चैम्पियंस ट्रॉफी (हॉकी) : आगाज शनिवार को, भारत की नजर खिताब पर
भुवनेश्वर| हॉकी के सबसे प्रतिष्ठित आयोजनों में से एक चैम्पियंस ट्रॉफी का आगाज शनिवार को ओडिशा की राजजधानी भुवनेश्वर के कलिंगा अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में होगा। 14 दिसम्बर तक चलने वाले आठ देशों वाले इस टूर्नामेंट में मेजबान भारत पहली बार खिताबी जीत हासिल करने का प्रयास करेगा। भारत ने अब तक एक बार भी खिताबी जीत हासिल नहीं की है। भारत उन 15 देशों में शामिल है, जिन्होंने इस आयोजन में हिस्सा लिया है लेकिन इनमें से पांच टीमें ऐसी हैं, जिन्होंने एक बार भी खिताबी जीत का स्वाद नहीं चखा है। भारत के अलावा इंग्लैंड, कोरिया और अर्जेटीना इस सूची में शामिल हैं। 1978 में शुरू इस टूर्नामेंट का आयोजन दो साल में एक बार होता है।
इस प्रतिष्ठित आयोजन में सबसे अधिक 13 बार आस्ट्रेलियाई टीम चैम्पियन रही है। आस्ट्रेलिया इस साल लगातार छठी बार यह खिताब जीतना चाहेगा। आस्ट्रेलिया इस टूर्नामेंट का बेताज बादशाह है। उसने सबसे अधिक 13 बार यह खिताब जीता है। बीते पांच संस्करणों से उसे कोई चुनौती नहीं दे सका है।
दूसरे क्रम पर जर्मनी है, जिसने नौ बार यह खिताब हासिल किया है। नीदरलैंड्स की टीम आठ बार चैम्पियन रही है। इस साल बेल्जियम की टीम चैम्पियंस ट्रॉफी में हिस्सा ले रही है। इस टीम ने 2012 में सिर्फ एक बार इस टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है और पांचवें स्थान पर रही थी। उसने प्लेऑफ में जर्मनी को हराया था। जर्मन टीम 2009 के बाद यह खिताब नहीं जीत सकी है।
इस साल मेजबान भारत के साथ-साथ इंग्लैंड, अर्जेटीना, नीदरलैंड्स, पाकिस्तान, आस्ट्रेलिया, बेल्जियम और जर्मनी की टीमें हिस्सा ले रही हैं। आठ टीमों को चार-चार के दो ग्रुप में विभाजित किया गया है। ग्रुप-ए में इंग्लैंड, बेल्जियम, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान को रखा गया है जबकि ग्रुप-बी में अर्जेटीना, भारत, नीदरलैंड्स और जर्मनी हैं।
भारत का पहला मैच 6 दिसम्बर को जर्मनी के साथ होगा। इसके बाद वह सात दिसम्बर को अर्जेटीना से भिड़ेगा। आठ दिसम्बर को आराम का दिन है और नौ दिसम्बर को भारत को अपने पूल में नीदरलैंड्स के साथ खेलना है। प्रत्येक पूल से दो-दो टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी और फिर दो टीमें 14 दिसम्बर को होने वाले फाइनल मुकाबले में भिड़ेंगी।
भारतीय टीम की कमान सरदार सिंह के हाथों में है लेकिन कप्तान का जर्मनी के साथ होने वाले पहले मुकाबले में खेलना तय नहीं दिख रहा है। आस्ट्रेलिया के साथ बीते दिनों हुए अभ्यास मैच के दौरान सरदार चोटिल हो गए थे।
भारत ने इंचियोन एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर तरक्की का संकेत दिया है। इसके बाद भारतीय टीम आस्ट्रेलिया दौरे पर गई, जहां उसने मेजबान टीम को टेस्ट श्रृंखला में हराया। लगातार सुधार कर रही भारतीय टीम के लिए इस बार खिताब जीतने का अच्छा मौका है लेकिन इसके लिए उसे अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना होगा क्योंकि उसके ग्रुप के साथ-साथ इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी टीमें कद्दावर हैं।
इस साल दिग्गज हालांकि किसी एक टीम के जीतने की भविष्यवाणी नहीं कर रहे हैं। कहा जा रहा है कि इस साल कोई भी टीम खिताब जीत सकती है। इस क्रम में सबसे ऊपर रखा जा रहा नाम बेल्जियम का है, जो विश्व की चौथी वरीय टीम है और अपने खेल से हर मुकाम पर प्रभावित करती रही है। पाकिस्तान से लेकर भारत को खिताब का दावेदार माना जा रहा है लेकिन आस्ट्रेलिया, जो कि नई टीम के साथ मैदान में उतरा है, को इस दौड़ में सबसे आगे रखकर देखा जा रहा है।
इसका कारण यह है कि आंकड़े हर लिहाज से आस्ट्रेलिया के पक्ष में हैं। यह टीम 13 बार खिताब जीत चुकी है और लगातार पांच बार से चैम्पियन रही है। जीत-हार का सबसे अच्छा रिकार्ड भी आस्ट्रेलिया का है। उसने अपने 58 फीसदी मैच जीते हैं। दूसरे स्थान पर नीदरलैंड्स है, जिसने अपने 56 फीसदी मैचों में जीत हासिल की है। इसके बाद जर्मनी का स्थान है, जिसने 50 फीसदी से अधिक मैच जीते हैं। भारतीय टीम 34 फीसदी मैच ही जीत सकी है।
खेल-कूद
IND VS AUS: पर्थ में टूटा ऑस्ट्रेलिया का घमंड, भारत ने 295 रनों से दी मात
पर्थ। भारतीय क्रिकेट टीम ने बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट मैच में मेजबान ऑस्ट्रेलिया को धूल चटाते हुए नया कीर्तिमान रच दिया है। टीम इंडिया ने पर्थ में 16 साल बाद पहला टेस्ट मैच जीता है। इससे पहले भारत ने साल 2008 में कुंबले की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को हराया था। हालांकि यह मैच पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम में खेला गया। पहली पारी में 150 रन बनाने वाली टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को पहली पारी में सिर्फ 104 रनों पर ढेर कर दिया था। इसके बाद टीम इंडिया ने अपनी दूसरी पारी 487/6 रन के स्कोर पर घोषित करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 534 रनों का विशाल लक्ष्य रखा।
इस पहाड़ जैसे लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी पारी में सिर्फ 238 रनों के स्कोर पर ढेर हो गई। इस तरह टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में 295 रनों से हराकर बड़ा इतिहास रच दिया। ध्यान देने वाली बात यह है कि टीम इंडिया में न तो रोहित शर्मा थे, न ही शुभमन गिल, न ही रवींद्र जडेजा और रविचंद्रन अश्विन और न ही मोहम्मद शमी थे। इसके बावजूद टीम इंडिया ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
पर्थ टेस्ट की दूसरी पारी में यशस्वी जायसवाल ने 161 रन और विराट कोहली ने नाबाद शतकीय पारी खेली। दूसरी पारी में केेल राहुल ने भी 77 रनों की अहम पारी खेली। पहली पारी में टीम इंडिया 150 रनों पर सिमट गई थी पर भारतीय गेंदबाजों ने कमाल का कमबैक करते हुए पूरी ऑस्ट्रेलिया टीम को घुटनों पर ला दिया। ऑस्ट्रेलिया पहली पारी में 104 रन ही बना पाई। दूसरी पारी में टीम इंडिया ने कमाल का कमबैक करते हुए ऑस्ट्रेलिया के सामने 6 विकेट के नुकसान पर 487 रन बनाकर पारी घोषित कर दी। जिससे ऑस्ट्रेलिया को 534 रनो का टारगेट मिला। लेकिन चौथे दिन भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 295 रनों से हरा दिया।
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