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उत्तराखंड

चौबट्टा खाल से हरदा दे सकते हैं सतपाल महाराज को टक्कर

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चौबट्टा खाल से हरदा दे सकते हैं सतपाल महाराज को टक्कर

उत्तराखंड।  मुख्यमंत्री हरीश रावत चौबट्टा खाल से बीजेपी उम्मीद्वार सतपाल महाराज को कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान में उतर सकते हैं। कांग्रेस पार्टी के स्ट्रैटेजिस्ट ने जिस फार्मूले के तहत पंजाब में दो सीटों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को उतारा है, उसी फार्मूले को उत्तराखंड में भी आज़माया जा सकता है।

राजनीतिक गलियारों में चर्चा ज़ोरों पर है कि बीजेपी, कांग्रेस स्टाइल में चौबट्टाखाल से बीजेपी विधायक तीरथ सिंह रावत को हाथ के साथ मैदान में उतार सकती है।

उत्तराखंड को लेकर केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुक्रवार के लिए टल गई है। माना जा रहा है कि, शुक्रवार को बैठक के बाद कांग्रेस सभी 70 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। कांग्रेस उम्मीद्वारों की मांगी गई सीट से हटाकर मज़बूत सीट पर टक्कर देने के लिए भी मैदान में  उतार सकती है। पंजाब चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ लंबी सीट के लिए टिकट दिया है।

कालाढूंगी से अब एआईसीसी के सचिव प्रकाश जोशी को ही मैदान में उतारे जाने की संभावना है। ऐसे ही कई अन्य सीटों पर कांग्रेस अपनी उम्मीद्वार सूची में चौंकाने वाले नाम देकर भाजपा को टक्कर दे सकती है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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