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छग : केंद्रीय योजना के तहत 1.86 लाख घर रौशन

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रायपुर, 6 अप्रैल (आईएएनएस)| प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) शुरू होने के बाद छत्तीसगढ़ में एक लाख 86 हजार से ज्यादा गरीबों के घरों को बिजली का कनेक्शन देकर रौशन किया जा चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को इस योजना की घोषणा की गई थी। योजना के तहत राज्य में एक अप्रैल से शुरू हुए नए वित्तीय वर्ष 2018-19 में छह लाख 24 हजार 806 विद्युत विहीन घरों को बिजली का कनेक्शन देने का लक्ष्य है। राज्य विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, 4 अप्रैल 2018 तक योजना के तहत एक लाख 86 हजार 538 घरों को रौशन किया जा चुका है।

प्रदेश के लगभग 45 हजार परिवार ऐसे क्षेत्रों में निवास करते हैं, जहां बिजली की लाइन पहुंचाना तकनीकी रूप से संभव नहीं है। ऐसे घरों को सौर ऊर्जा प्रणाली के जरिए रौशन किया जाएगा।

योजना का नि:शुल्क लाभ उन हितग्राहियों को दिया जा रहा है, जिनका नाम वर्ष 2011 की सामाजिक-आर्थिक गणना की सूची में शामिल है और जिनका नाम उस सूची में नहीं है, उनसे 500 रुपये शुल्क लिया जा रहा है, जो 50 रुपये की दस किस्तों में जमा करना होगा।

हर कनेक्शन के साथ पांच एलईडी बल्ब और एक पंखा दिया जाएगा। जिन घरों में सोलर कनेक्शन दिया जाएगा, वहां 200 से 300 डब्ल्यूपी का एक सोलर पावरपैक बैटरी और डीसी से चलने वाला एक पंखा दिया जाएगा। इस योजना का लाभ दिलाने के लिए गांवों में शिविर लगाए जा रहे हैं।

आवेदन भरने वालों को आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड पहचानपत्र के रूप में जमा करना होगा। बिजली विभाग की वेबसाइट ‘सीएसपीडीसीएल डॉट को डॉट इन’ पर ऑनलाइन आवेदन भरने की सुविधा भी दी गई है।

योजना के तहत अब तक बस्तर जिले में 15 हजार 181 घरों को रौशन किया जा चुका है। रायगढ़ जिले में 14 हजार 479, बलौदाबाजार में 12 हजार 89, बिलासपुर में 10 हजार 846, दंतेवाड़ा में 9 हजार 667, राजनांदगांव में 09 हजार 845, कोंडागांव में 8 हजार 478, सरगुजा में 10 हजार 235, बेमेतरा में 9 हजार 23, सूरजपुर में 8 हजार 62, जशपुर में 8 हजार 52, गरियाबंद में 6 हजार 334, कबीरधाम में 7 हजार 233, कोरबा में 6 हजार 264, कांकेर में 6 हजार 124, मुंगेली में 5 हजार 514, बालोद में 4 हजार 775, रायपुर में 4 हजार 482, बीजापुर में 4 हजार 105, दुर्ग में 4 हजार 332, जांजगीर-चांपा में 4 हजार 10, कोरिया में 4 हजार 13, बलरामपुर में 3 हजार 543, नारायणपुर में 2 हजार 756, सुकमा में 3 हजार 481, महासमुंद में 2 हजार 110, धमतरी में 905 घरों में बिजली कनेक्शन दिया गया है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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