Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

छग : मोबाइल कंपनियों को 6 सौ करोड़ रुपये, शिक्षाकर्मियों को कुछ नहीं

Published

on

Loading

रायपुर, 28 नवंबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह की कैबिनेट ने मंगलवार को कई फैसले लिए। इसमें मोबाइल कंपनियों को छह सौ करोड़ रुपये देने, डीजी के तीन पद बढ़ाने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजने जैसे फैसले लिए गए।

लेकिन शिक्षाकर्मियों के लिए कोई भी फैसला नहीं लिया गया। भीतरी सूत्रों के मुताबिक, बैठक में कई मंत्रियों ने इसका विरोध भी किया। इसके बावजूद प्रस्ताव पास करा लिए गए। राज्य सरकार ने 14वें वित्त आयोग के मद में केंद्र सरकार से मिलने वाली राशि में से 600 करोड़ रुपये मोबाइल कंपनियों को देने का फैसला किया है। जिन कंपनियों को ये राशि दी जाएगी, उनमें निजी कंपनियां भी शामिल हैं।

दरअसल राज्य सरकार ने तीन सालों में 55 लाख मोबाइल बांटने का फैसला किया है। इन मोबाइल को कनेक्टिविटी देने के लिए नए टॉवर लगाने में ये राशि खर्च की जाएगी।

योजना का ऐलान करते समय सरकार ने विधानसभा में कहा था कि कनेक्टिविटी देने के लिए मोबाइल कंपनियां स्वयं के खर्च पर टॉवर स्थापित करेंगी। लेकिन मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में इसमे बड़ा बदलाव करते हुए सरकार ने अपने खर्च पर टॉवर लगाने का फैसला किया है। 14वें वित्त आयोग की राशि ग्राम पंचायतों के विकास के लिए सीधे पंचायतों को दी जाती है। छत्तीसगढ़ में लगभग 20 हजार ग्राम पंचायतें हैं। इस लिहाज से प्रत्येक ग्राम पंचायत के विकास के हिस्से की लगभग 30 लाख रुपये की राशि मोबाइल टॉवर लगाने में खर्च होगी।

बैठक में पुलिस महकमे में डीजी के तीन पद बढ़ाने का प्रस्ताव भी आया, जिसका अनुमोदन कर दिया गया। राज्य के तीन वरिष्ठ आईपीएस आर.के. विज, संजय पिल्लै और मुकेश गुप्ता जनवरी से डीजी पद के लिए योग्य हो जाएंगे। लिहाजा उन्हें पदोन्नति देने के लिए सरकार ने यह फैसला किया है। छत्तीसगढ़ में डीजी के तीन पद केंद्र से स्वीकृत हैं। इसके बाद ये तीन अतिरिक्त पद स्वीकृत करने के लिए अब केंद्र को प्रस्ताव भेजा जाएगा।

सूत्र के अनुसार, इन दोनों प्रस्तावों का कैबिनेट की बैठक में कई मंत्रियों ने तीखा विरोध किया। मंत्रियों ने दलील दी कि 14वें वित्त आयोग की राशि खर्च करने के लिए केंद्र सरकार से मापदंड निर्धारित हैं, उससे अलग हटकर राशि खर्च नहीं की जा सकती। वहीं डीजी के पद सृजित करने को लेकर पूर्व में केंद्र सरकार की आपत्तियों का हवाला दिया गया। इसके बाजवूद दोनों प्रस्ताव पास करा दिए गए।

बैठक में शिक्षाकर्मी आंदोलन को लेकर भी चर्चा हुई। अधिकारियों ने जानकारी दी कि स्कूलों में चपरासी, साक्षरता प्रेरक और दूसरे सरकारी कर्मचारी बच्चों को पढ़ा रहे हैं, लेकिन हड़ताल खत्म कराने को लेकर पंचायत और स्कूल शिक्षा विभाग कोई फॉमूर्ला पेश नहीं कर सका और इस पर कोई फैसला भी नहीं हुआ।

Continue Reading

नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

Published

on

Loading

नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

Continue Reading

Trending