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मुख्य समाचार

छग : हर विधानसभा क्षेत्र का एक बूथ महिलाएं चलाएंगी : सीईसी

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रायपुर, 1 सितम्बर (आईएएनएस/वीएनएस)। भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओम प्रकाश रावत ने शनिवार को विधानसभा चुनाव के मद्देनजर प्रदेश की गतिविधियों और चुनावी तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक विधानसभा में एक ऐसा बूथ होगा जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित होगा।

रावत, निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोरा और निर्वाचन आयुक्त अशोक लवासा ने प्रदेश की राजनैतिक पार्टियों और प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। राजनैतिक पार्टियों ने आयुक्त को कुछ सुझाव दिए। वहीं रावत ने अधिकारियों को बैठक के दौरान कुछ आवश्यक निर्देश भी दिए। राज्य निर्वाचन आयोग ने जानकारी दी कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक ऐसा बूथ होगा जो पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित होगा।

ओ.पी. रावत ने रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित पत्रकारवार्ता के दौरान कहा कि आयोग ‘कोई भी मतदाता न छूटे’ के सिद्धांत पर चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग पहली बार एक्सेबिलिटी पर्यवेक्षक की नियुक्ति करेगा, जो चुनाव प्रक्रिया की मॉनीटरिंग करेंगे। साथ ही सी.विजिल एप का पूरा सहयोग मतदाताओं के साथ होगा, जो किसी भी प्रकार की मतदान या चुनाव संबंधी गड़बड़ी की तस्वीर या वीडियो आयोग के पास भेज दें।

उन्होंने कहा कि यह भी सुविधा है कि जो व्यक्ति अपनी पहचान उजागर नहीं करना चाहता, वह गोपनीय तरीके से भी अपने साक्ष्य अपलोड कर सकता है। उस साक्ष्य पर 24 घंटे के भीतर कार्रवाई की जाएगी। उसकी पूरी जानकारी सूचनाकर्ता को एसएमएस के माध्यम से दी जाएगी। यदि गोपनीय तरीके से साक्ष्य उपलब्ध कराया गया हो तो ऐसी स्थिति में कार्रवाई की जानकारी सूचनाकर्ता को नहीं होगी, उसे मीडिया या टेलीविजन चैनलों के माध्यम से कार्रवाई की जानकारी मिलेगी।

रावत ने जानकारी दी कि जिन स्थानों में इंटरनेट कनेक्टिविटी होगी, उन मतदान केंद्रों के सीसीटीवी फुटेज दिल्ली स्थित निर्वाचन आयोग कार्यालय, राज्य निर्वाचन आयोग कार्यालय और रिटर्निग अफसर कार्यालय में लाइव देखे जा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि आयोग से यह अनुरोध भी किया गया कि चुनाव कार्यक्रम आगामी त्योहारों को देखते हुए निर्धारित किए जाएं।

रावत ने ‘वन नेशन वन इलेक्शन’ पर पूछे गए सवाल पर कहा कि जिस सदन की समायवधि पूरी नहीं हुई हो, उसके चुनाव के बारे में तो आयोग विचार भी नहीं कर सकता। यह संभव नहीं हैं।

रावत ने बताया कि राज्य में कुल 90 निर्वाचन क्षेत्र है, जिनमें सामान्य 51, अनुसूचित जाति 10 और अनुसूचित जनजाति 29 हैं। 31 जुलाई के अनुसार प्रदेश में 1 करोड़ 81 लाख मतदाता हैं, जिनमें 91.46 लाख पुरुष, 90.32 लाख महिला व 831 थर्ड जेंडर हैं।

प्रदेश में वर्तमान में 23 हजार 6 सौ 32 मतदान स्थानों में कुल 19 हजार 5 सौ 45 मतदान केंद्र हैं। प्रदेश के सभी 23 हजार 632 मतदान केंद्रों में ईवीएम और वीवीपैट का उपयोग किया जाएगा। मतदाता सुविधा पोस्टर मतदान केंद्र के बाहर प्रदर्शित किया जाएगा। मतदान की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदान कम्पार्टमेंट की ऊंचाई 23 इंच से बढ़ाकर 30 इंच की गई है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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