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छग : हाथी के 4 बच्चे गड्ढे से सकुशल निकाले गए

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रायपुर/सीतापुर, 25 अक्टूबर (आईएएनएस/वीएनएस)। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के सीतापुर नगर पंचायत से लगे ढेलसरा ग्राम में एक गड्ढे से बुधवार सुबह हाथियों के चार बच्चे सकुशल निकाले गए।

सीतापुर के विधायक अमरजीत भगत का कहना है कि यह बचाव अभियान वन विभाग की टीम ने नहीं, बल्कि ग्रामीणों ने चलाया है।

डीएफओ प्रियंका पांडेय ने कहा कि सुबह छह बजे सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम दल-बल के साथ पहुंची थी। ग्रामीणों की मदद से पेड़ काटकर गड्ढे में डाले गए। पूरे सात घंटे बाद हाथी के बच्चों को बाहर निकाला गया। घटना मंगलवार देर रात ढाई बजे की थी।

विधायक भगत का कहना है, देश में बच्चों के बोरवेल में गिरने की खबरें आम हो चली हैं। शासन-प्रशासन की इच्छाशक्ति ही नहीं कि कुछ किया जाए। प्रत्येक की किस्मत प्रिंस के जैसी नहीं होती। हल्देड़ी के प्रिंस को बोरवेल से निकालने में 50 घंटे लग गए थे। इसके बाद कई घटनाएं हुईं।

विधायक ने कहा कि घटना की खबर बुधवार अल सुबह उन्हें मिली। उसके बाद सीसीएफ के.के. बिसेन, डीएफओ प्रियंका पांडेय, पीसीसीएफ, सीएफ को लगातार फोन किया गया, लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया। यहां तक कि घटना के संबंध में वनमंत्री महेश गागड़ा से भी बात हुई।

मीडिया के हस्तक्षेप से विभाग की नींद उड़ी, लेकिन तब तक ग्रामीणों की कड़ी मेहनत से सुबह 10 बजे के करीब हाथी के चारों बच्चों को गड्ढे से सकुशल निकाल लिया गया।

उल्लेखनीय है कि मंगलवार रात अपने चार बच्चों के गड्ढे में गिरने के बाद मादा हाथी कुएं के आसपास ही मंडराती रही। गांव में दहशत का माहौल रहा। हाथी आक्रोशित हो जाती तो जान-माल की हानि भी हो सकती थी।

विधायक भगत ने वन विभाग पर आरोप लगाया, जिम्मेदार अधिकारी फोन नहीं उठाते, वे गहरी नींद में सो रहे हैं। जबकि इस बचाव अभियान में ग्रामीणों में उत्साह देखा गया, जो हाथियों के आतंक से दहशत में जीने और रतजगा करने को मजबूर हैं। हाथी के बच्चों को निकालने की जुगत में एक ग्रामीण चोटिल होने से बच गया, उसकी जान भी जा सकती थी। दरअसल हाथी के एक बच्चे ने उसके पैर पर अपना पैर ही रख दिया था।

वहीं डीएओ प्रियंका पांडेय ने बताया, फारेस्ट गार्ड और वन विभाग की पूरी टीम ने लगभग पांच घंटे के बचाव अभियान में हाथी के बच्चों को बाहर निकाला। ग्रामीण के खिलाफ वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की जाएगी। बचाव अभियान में प्रशासन और पुलिस का भी सहयोग रहा।

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प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा कि बिरसा मुंडा ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया. उनकी जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाते हुए पीएम ने उन्हें कोटि-कोटि नमन किया.

पीएम मोदी ने नमन करते हुए जारी किया वीडियो ।

जनजातीय गौरव दिवस पर पीएम मोदी ने दी करोड़ो की सौगात

जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर पीएम मोदी जनजातीय समुदायों के उत्थान और क्षेत्र के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे में सुधार के उद्देश्य से 6,640 करोड़ रुपये से अधिक की कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे।

प्रधानमंत्री आदिवासी समुदायों के समृद्ध इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिए दो आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालयों और दो आदिवासी शोध संस्थानों का उद्घाटन करेंगे। आदिवासी समुदायों के जीवन को सुगम बनाने के लिए कई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। प्रधानमंत्री पीएम जनमन के तहत बनाए गए 11,000 घरों के गृह प्रवेश में शामिल होंगे।

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