प्रादेशिक
छत्तीसगढ़ : 10 साल में टोनही प्रताड़ना के 1,268 मामले
रायपुर। छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 से जून 2015 तक टोनही प्रताड़ना के 1,268 मामले सामने आए हैं। इसमें से 332 मामले अब भी विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। 10 साल से भी ज्यादा समय बीत जाने के बावजूद मामलों का निराकरण नहीं होने की वजह से प्रताड़ित महिलाएं बहिष्कृत जीवन जीने को विवश हैं। अंधश्रद्धा निर्मलून समिति के अध्यक्ष डॉ. दिनेश मिश्र ने मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह से मिलकर टोनही प्रताड़ना के मामलों के त्वरित निपटान की मांग की। उन्होंने प्रताड़ित महिलाओं को मुआवजा व पुनर्वास के लिए योजना बनाए जाने पर मुख्यमंत्री से चर्चा की।
डॉ. मिश्र ने बताया कि प्रदेश में 2005 से जून 2015 तक टोनही प्रताड़ना के 1,268 मामले सामने आए हैं। इनमें से 332 मामले अभी भी विभिन्न न्यायालयों में लंबित हैं। ये मामले लगभग 10 वर्षो से भी अधिक समय से लंबित हैं, जिस कारण न प्रताड़ित महिलाओं को न मुआवजा मिल पाया है और न ही उनका पुनर्वास हो पाया है और न ही कोई अन्य मदद मिल पाई है। इस वजह से वे गांवों में बहिष्कृत जीवन जीने को मजबूर हैं।
डॉ. दिनेश मिश्र ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि टोनही प्रताड़ना के कारण ग्रामीण अंचल में गरीब, निराश्रित, विधवा महिलाओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। जादू-टोने के संदेह में प्रताड़ित महिलाओं के हित व जीवन-यापन के लिए छह बिंदुओं पर उन्होंने ध्यान आकर्षित किया है।
डॉ. मिश्र का कहना है कि टोनही प्रताड़ना के प्रकरणों में राज्य के विशेष कानून के अनुसार कार्रवाई हो, पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए आर्थिक मदद दी जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा आसानी से पीड़ित महिलाओं तथा लंबित प्रकरणों की सूची तैयार कराई जा सकती है, जिसके अनुसार प्रताड़ित महिलाओं को कम से कम 25 हजार रुपये उनके जीवनयापन व पुनर्वास के लिए दिए जा सकते हैं। आरोपियों को सजा दिलाने के लिए टोनही प्रताड़ित महिलाओं के प्रकरण फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की व्यवस्था की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि टोनही प्रताड़ित महिला को आंगनबाड़ी केंद्रों या स्थानीय स्तर पर चल रहे शासकीय परियोजनाओं से जोड़ा जा सकता है, ताकि उनके सामाजिक बहिष्कार जैसी स्थिति का निवारण हो। टोनही प्रताड़ित महिला के संरक्षण के लिए स्थानीय पुलिस थाने, चौकी को निर्दिष्ट किया जा सकता है कि वे प्रताड़ना की पुनरावृत्ति रोकने एवं महिला एवं उसके परिवार के पुनर्वास में मदद करें।
प्रादेशिक
नई दिल्ली में भव्य ‘महाकुंभ कॉन्क्लेव’ का आयोजन करेगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने 2025 के महाकुंभ को सफल बनाने के लिए बड़े स्तर पर जारी तैयारियों को गति देने का काम शुरू कर दिया है। महाकुंभ-2025 का आयोजन न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि राज्य की पर्यटन और वैश्विक स्तर पर पहचान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का भी एक प्रमुख प्रयास है। इसी बात को ध्यान में रखकर महाकुंभ की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की झलक दिखाने तथा देश-दुनिया के गणमान्य व अति विशिष्ट लोगों को आमंत्रित करने के लिए नई दिल्ली में महाकुंभ कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाएगा। इस विषय में, उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं तथा दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में भव्य स्तर पर इस एक दिनी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम कई मायनों में विशिष्ट होगा क्योंकि यहां आने वाले आगंतुकों को महाकुंभ में योगी सरकार द्वारा दी जा रही टूरिज्म ऑफरिंग्स, तैयारियां व उपलब्धियों के साथ ही उत्तर प्रदेश की लोककला व सांस्कृतिक छटा का भी आनंद उठा सकेंगे।
अनूठे इंटरैक्टिव सेशन के जरिए होगी महाकुंभ की ब्रांडिंग
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन है, जिसमें पूरी दुनिया से करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस आयोजन के लिए विशेष रूप से “महाकुंभ कॉन्क्लेव” की योजना बनाई है, जो एक अनूठा इंटरैक्टिव सत्र होगा। इसके जरिए, भारतीय संस्कृति, धार्मिक परंपराओं और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से आगंतुकों को अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया जाएगा। महाकुंभ कॉन्क्लेव उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक समृद्धि और प्रशासनिक कुशलता का उदाहरण पेश करेगा। इस आयोजन का उद्देश्य न केवल धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना है, बल्कि वैश्विक स्तर पर राज्य की ब्रांडिंग का भी माध्यम बनेगा। कार्यक्रम में समुद्र मंथन से प्राप्त 14 रत्नों के थ्रीडी मॉडल की नुमाइश होगी तथा सांस्कृतिक संध्या में उत्तर प्रदेश के लोक संगीत और नृत्य की प्रस्तुति भी होगी, जो महाकुंभ की आध्यात्मिकता को सजीव करेगी। साथ ही, प्रत्येक अतिथि को यूपी की सांस्कृतिक धरोहर के प्रतीक के रूप में स्मृति चिह्न प्रदान किए जाएंगे। आयोजन में दुनियाभर से आए 700 अतिविशिष्ट अतिथियों का जमावड़ा लगेगा। अतिथियों के सम्मान में हाई टी व डिनर का भी आयोजन किया जाएगा।
कार्यक्रम में इन विशिष्टताओं को किया जाएगा प्रदर्शित…
– डिजिटल डिस्प्ले जोन: बड़ी एलईडी स्क्रीन पर कुंभ मेला की कहानी, नागा साधुओं व विभिन्न अखाड़ों के संन्यासियों के जीवन और अन्य धार्मिक पहलुओं को दर्शाने वाले एनीमेशन का चित्रण होगा।
– 3डी मॉडल: त्रिवेणी संगम, अक्षयवट और समुद्र मंथन के दृश्यों को थ्रीडी मॉडल्स के माध्यम से दर्शाया जाएगा।
– आधुनिक नवाचार: एआई चैटबॉट और मल्टी-लैंग्वेज ट्रांसलेटर डिवाइस का भी प्रदर्शन किया जाएगा जो अंतर्राष्ट्रीय आगंतुकों को सहज अनुभव प्रदान करेगा।
– पर्यटन पैकेज की जानकारी: यात्रा और आवास सुविधाओं का डिजिटल प्रस्तुतीकरण किया जाएगा। बाकायदा टेंट सिटी व होटल रूम के एक सेटअप को स्थापित किया जाएगा जिससे कल्पवास के दौरान मिलने वाली सुविधाओं को प्रत्यक्ष तौर पर आगंतुक देख सकेंगे।
– डिजिटल वॉक थ्रूः कार्यक्रम के अंतर्गत 10 मिनट के वर्चुअल वॉक-थ्रू सेशन का आयोजन भी किया जाएगा जिसके जरिए आगंतुकों को मेला क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों की जानकारी मिल सकेगी।
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