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‘छात्रों को सही उम्र में सही परामर्श की जरूरत’

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नई दिल्ली, 30 अगस्त (आईएएनएस)| सही उम्र में सही परामर्श/काउन्सलिंग के अभाव के चलते भारतीय विद्यार्थियों को विदेशी विद्यार्थियों की तुलना में कम प्राथमिकता मिलती है।

आईसी3 सम्मेलन के अध्यक्ष, केआईसी युनिव असिस्ट के अध्यक्ष एवं चीफ मेंटर तथा पूर्व हाई स्कूल कॉलेज काउन्सलर गणेश कोहली ने यहां आयोजित इंटरनेशल करियर एंड कॉलेज काउन्सलिंग सम्मेलन के दौरान यह बातें कही।

कोहली ने कहा, सर्वेक्षण से पता चला है कि सही उम्र में सही परामर्श/काउन्सलिंग के अभाव के चलते भारतीय विद्यार्थियों को विदेशी विद्यार्थियों की तुलना में कम प्राथमिकता मिलती है। हमें भारतीय विद्यार्थियों को सही समय पर सही परामर्श देने के प्रयास शुरू करना होगा ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी मनचाही स्थिति हासिल कर सकें।

इस सम्मेलन में करियर और कॉलेज काउन्सलिंग पर आधारित एक सर्वेक्षण के परिणाम की घोषणा की गई। इसमें बताया गया कि 98 फीसदी विश्वविद्यालयों के अनुसार स्कूल स्तर पर ज्यादा जानकारी और बेहतर काउन्सलिंग छात्रों को विश्वविद्यालय/कॉलेज के लिए बेहतर तैयार कर सकती है।

सर्वेक्षण में शामिल तकरीबन 33 फीसदी कम्पनियां प्रतिभा के विकास में निवेश कर रही हैं। वहीं, 38 फीसदी छात्रों ने बताया कि टेक्नॉलोजी करियर विकल्पों के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 48 फीसदी शिक्षकों के लिए करियर से जुड़े फैसले अभिभावकों और छात्रों के लिए तनाव का कारण होते हैं।

फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सहयोग से भारत एवं दुनिया के अन्य प्रमुख स्थानों पर किए गए इस सर्वेक्षण में ‘हाई स्कूल एवं काउन्सलर्स’, ‘विद्यार्थियों’, ‘विश्वविद्यालयों एवं विश्वस्तरीय अकादमिक संस्थानों’ तथा ‘उद्योग जगत के दिग्गजों’ की राय ली गई।

सर्वेक्षण के निष्कर्षो से पता चलता है कि आज भी भारतीय विद्यार्थी पारम्परिक पाठ्यक्रमों को ही चुनते हैं क्योंकि भारत में करियर एवं कॉलेज काउन्सलिंग के लिए अन्तरराष्ट्रीय मानदण्डों के समकक्ष काउन्सलिंग प्रथाओं का अभाव है। ऐसा विशेष रूप से जागरुकता एवं अवसरों की कमी के कारण है।

इसमें बताया गया कि 40 फीसदी छात्रों का कहना है कि वे सुरक्षित विषय जैसे विज्ञान, टेकनॉलोजी, इंजीनियरिंग और गणित के विकल्प चुनना चाहते हैं, 22 फीसदी छात्रों ने आर्ट, एंटरटेनमेन्ट एवं स्पोर्ट्स को प्राथमिकता दी, वहीं 18 फीसदी छात्रों ने बिजनेस एवं फाइनेन्स को तथा 17 फीसदी छात्रों ने हेल्थ एण्ड मेडिसिन को अपना पसंदीदा विषय बताया।

साथ ही अन्तरराष्ट्रीय बाजार में छात्रों का पंजीकरण तेजी से बढ़ रहा है। विदेशों में पढ़ाई की बात करें तो 45 फीसदी छात्र अमेरिका को, 14 फीसदी कनाडा को, 13 फीसदी ब्रिटेन को, 10 फीसदी ऑस्ट्रेलिया को और 8 फीसदी दक्षिण-पूर्वी एशिया को तथा 7 फीसदी छात्र यूरोप को प्राथमिकता दे रहे हैं।

फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इंडस्ट्री के सहायक महानिदेशक शोभा मिश्रा घोष ने कहा, आज की डिजिटल दुनिया में कॉलेज से करियर की ओर छात्र का स्थानान्तरण उसकी व्यक्तिगत रुचि पर निर्भर करता है। उद्योग जगत सेमिनारों और विभिन्न मंचों के माध्यम से छात्रों को करियर के विभिन्न विकल्पों के बारे में जानकारी दे रहा है।

इस मौके पर सिटी मॉन्टेसरी स्कूल के संस्थापक-प्रबन्धक डॉ जगदीश गांधी को शिक्षा क्षेत्र में योगदान के लिए विशेष पुरस्कर से सम्मानित किया गया।

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नेशनल

केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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