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प्रादेशिक

छात्र संघ एक बड़ा प्लेटफार्म : सुनील सिंह

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लखनऊ| समाजवादी छात्र सभा के निवर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील सिंह यादव का मानना है कि विश्वविद्यालयों में छात्र राजनीति का अपना एक अलग महत्व होता है। राजनीति के क्षेत्र में जाने वाले युवकों के लिए छात्र संघ चुनाव एक बड़ा प्लेटफार्म साबित होता है और जो लोग इस बात का यह कहकर विरोध करते हैं कि छात्र राजनीति से विश्वविद्यालयों में पढ़ाई का माहौल खराब होता है, वह पूरी तरह से गलत हैं।

छात्र राजनीति से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले सुनील आज के युवाओं का राजनीति से जुड़ने के लिए आह्वान भी करते हैं। उन्होंने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा, “लोकतंत्र में छात्र राजनीति महत्वपूर्ण है।”

उप्र में हुए पिछले विधानसभा चुनााव के दौरान सुनील सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का हर कदम पर साथ दिया। इसलिए आज वह मुख्यमंत्री के करीबी और खास लोगों में गिने जाते हैं।

सुनील कहते हैं, “छात्र राजनीति से ही राजनीति की शुरुआत होती है। अगर राजनीति के क्षेत्र में युवा जाना चाहते हैं तो छात्र राजनीति से इसकी शुरुआत करनी चाहिए।”

छात्र राजनीति के बारे में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में छात्र राजनीति, राजनीति की नर्सरी है। बिना नर्सरी के ज्ञान की आगे की पढ़ाई करना व्यर्थ है। आज यदि किसी को राजनीति में आना है तो पहले से ही छात्र राजनीति के माध्यम से शुरुआत करनी चाहिए, क्योंकि इससे आपके सामाजिक सरोकार का पता चलता है।

यह पूछे जाने पर कि वर्तमान परिवेश में छात्र संगठन सरोकारों से दूर स्वार्थी होते जा रहे हैं, इस बारे में आप क्या कहेंगे, तो सुनील ने कहा, “कोई स्वार्थ नहीं है। छात्र संगठन हमेशा से सरोकारों को लेकर ही राजनीति करते हैं। समाज में जो भी गलत होता है उसका विरोध छात्र ही करते हैं। ऐसा नहीं कहा जा सकता कि आज छात्र संघ गलत राजनीति कर रहे हैं।”

सुनील ने इस बात को सिरे से खारिज कर दिया कि छात्र संगठनों के कारण विश्वविद्यालयों में राजनीति कम, गुंडागर्दी ज्यादा होती है।

सुनील कहते हैं, “जो लोग इस प्रकार की बात करते हैं, वे न तो छात्र राजनीति से सरोकार रखते हैं और न ही समाज से। छात्र संगठन हमेशा से ही मुद्दों को उठाते रहे हैं और मुद्दों की बात करते रहे हैं। अगर छात्र संघ न हो तो विश्वविद्यालय में क्या हो रहा है, किसी को पता ही नहीं चलता। अगर कोई भी संस्थान गलत निर्णय लेता है तो छात्र संगठनों के माध्यम से ही उसे ठीक किया जाता है।”

एक समय था, जब उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार ने छात्र संघ पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दोबारा वर्ष 2012 में जब सपा की सरकार बनी तो एक बार फिर छात्र संघ चुनाव से प्रतिबंध हटा दिया गया।

इसकी वजह पूछने पर सुनील सिंह यादव ने कहा कि छात्र संगठन की अपनी उपयोगिता है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकार छात्र संघ की उपयोगिता को नहीं समझती थी, जबकि समाजवादी पार्टी (सपा) सरकार ने हमेशा से छात्र संगठनों को महत्व दिया है। इसलिए सपा ने सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला छात्र संगठन की बहाली का लिया।

सुनील ने कहा, “मैं सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का आभारी हूं कि उन्होंने छात्र संघ की महत्ता को समझा और युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया।”

छात्र संघ के कारण शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ाई का माहौल खराब होने के सवाल पर सुनील ने दावे के साथ कहा कि जहां छात्र संघ नहीं है, क्या वहां बेहतर पढ़ाई हो रही है? अगर ऐसा है तो दिल्ली के जेएनयू (जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय) या हमारे प्रदेश के इलाहाबाद विश्वविद्यालय जैसे शैक्षण संस्थानों में पर छात्र संघ पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए।

सुनील कहते हैं, “छात्र संघ के कारण ही शैक्षिक माहौल बनता है और छात्रों को अपनी अभिव्यक्ति की आजादी मिलती है। आज जहां छात्र संघ है, वहां पढ़ाई का स्तर बेहतर है।”

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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