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खेल-कूद

छोटी टीमों के आगे भी सुरक्षित नहीं 300 से अधिक का स्कोर

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नई दिल्ली| आईसीसी विश्व कप-2015 का एक चौथाई से अधिक का सफर समाप्त हो चुका है और प्रबल दावेदार टीमें स्पष्ट तौर पर नजर आने लगी हैं। दोनों मेजबानों आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के अलावा उछाल भरी पिचों की माहिर मानी जाने वाली दक्षिण अफ्रीकी टीम को तो पहले से ही दावेदार कहा जा रहा था, लेकिन भारतीय टीम ने जिस तरह शुरुआती दोनों मैच जीते हैं, उससे उसके खिताब बचाने के दावे को और मजबूत हो गए हैं।

हर बार की तरह आईसीसी से संबद्ध गैर टेस्ट मान्यता प्राप्त कुछ टीमों को भी इस बार विश्व कप में शामिल किया गया है, लेकिन इस बार दोयम दर्जे की मानी जाने वाली इन टीमों ने जिस तरह का जुझारूपन दिखाया है, उससे एक बात साफ हो गई है कि इन बी ग्रेड टीमों के सामने भी 300 या उससे अधिक का स्कोर अब सुरक्षित नहीं रह गया है।

आयरलैंड ने तो अपने पहले ही मैच में इसकी बानगी दिखा दी और दो बार की चैम्पियन वेस्टइंडीज से मिले 305 रनों की चुनौती को हासिल कर सनसनी मचा दी।

इससे पहले विश्व कप-2015 के तीसरे मैच में द. अफ्रीका से मिले 340 रनों का पीछा करते हुए जिम्बाब्वे की टीम जिस अंदाज में मात्र 35 ओवरों में तीन विकेट पर 200 का आंकड़ा पार कर गई, उससे द. अफ्रीकी कप्तान अब्राहम डिविलियर्स को कहना पड़ा कि एक समय उनकी टीम जिम्बाब्वे से डर गई थी। जिम्बाब्वे ने इस मैच में 48.2 ओवरों में सारे विकेट गंवाकर 277 रन बनाए।

जिम्बाब्वे की टीम आखिरकार अपने अगले ही मैच में संयुक्त अरब अमीरात से मिले 286 रनों का लक्ष्य हासिल करने में सफल रही।

जिम्बाब्वे ने एक बार फिर विश्व कप-2015 के अपने तीसरे और कुल 15वें मैच में वेस्टइंडीज से मिले 373 रनों के विशाल लक्ष्य का पीछा करते हुए जुझारू प्रदर्शन किया। जिम्बाब्वे के सामने पहाड़ सरीखा लक्ष्य था, जिसे किसी भी सूरत में धीमे रन रेट ने हासिल नहीं किया जा सकता।

इस तथ्य को ध्यान में रखकर जिम्बाब्वे ने बेहद सकारात्मक अंदाज में खेलते हुए 33 ओवरों में पांच विकेट पर 224 रन बना डाले। इस मैच में जिम्बाब्वे 45वें ओवर की तीसरी गेंद पर ऑल आउट हो गई, लेकिन तब तक उसने 289 रन भी बना डाले।

बुधवार को ब्रिस्बेन के गाबा स्टेडियम में खेला गया विश्व कप-2015 का 16वां मैच भी इसकी बानगी रहा। यूएई भले औसत दर्जे की टीम हो, लेकिन उसकी आक्रामक गेंदबाजी से सभी प्रभावित हैं और आयरलैंड ने यूएई से मिले 279 रनों के लक्ष्य को शुरुआती विकेट गंवाने के बावजूद जिस तरह हासिल कर लिया, वह कई बड़ी टीमों के लिए चेतावनी की घंटी होगी।

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खेल-कूद

विराट कोहली ने की है 12वीं तक पढ़ाई, इस सब्जेक्ट का नाम सुनकर ही आ जाता था पसीना

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली आज अपना 36वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने 16 साल के करियर में विराट इतने आगे निकल गए हैं कि उनके रिकार्ड्स को तोड़ना लगभग नामुमकिन सा लगता है। आज विराट के जन्मदिन के मौके पर हम आपको ऐसी बात बताने जा रहे हैं जो आपने शायद पहले कभी नहीं सुनी होगी। आज हम आपको बताएंगे कि मैदान पर अपनी बल्लेबाजी से गेंदबाजों को डराने वाले विराट किससे डरा करते थे।

आपको जानकर हैरानी होगी कि मैदान पर रिकॉर्ड्स के अंबार लगाने वाले विराट कोहली ने केवल 12वीं तक की ही पढ़ाई की है। क्रिकेट के प्रति दीवानगी के चलते उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। विराट ने दिल्ली की ‘विशाल भारती पब्लिक स्कूल’ से पढ़ाई की है। स्कूल की वेबसाइट में भी एल्युमनाई में कोहली का जिक्र है और उनकी तस्वीरें भी लगा रखी है।

दिल्ली के जानेमाने स्कूल में से एक इस स्कूल को कई अवार्ड मिल चुके हैं। विराट का फेवरेट सब्जेक्ट हिस्ट्री था। विराट हमेशा से ही अतीत की बातें सीखने के लिए उत्सुक रहते थे। मैथ्स एक ऐसा सब्जेक्ट था जिसके बारे में सुनकर विराट के पसीने छूट जाते थे। कहा जाता है कि एक बार विराट को मैथ्स में 100 में केवल 3 ही मार्क्स मिले थे।

विराट कोहली की ही कप्तानी में भारतीय टीम ने 2008 का अंडर-19 वर्ल्ड कप जीती थी। यह टूर्नामेंट मलेशिया में खेला गया था। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर कोहली ने टीम इंडिया के लिए अपना पहला इंटरनेशनल मैच 18 अगस्त 2008 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।

 

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