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जयपुर शौचालय निर्माण में तीसरे स्थान पर

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जयपुर, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)| ‘स्वच्छ भारत अभियान’ की भावना को साकार कर ‘सुहावणो जैपुर’ की परिकल्पना के साथ कदमताल करते हुए जयपुर जिला पूरे देश में इस अभियान की शुरुआत से अब तक व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण की दृष्टि से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

जहां तक राज्य स्तर की बात है, जयपुर गत वित्तीय वर्ष में भी सबसे अधिक शौचालय का निर्माण कर प्रदेश में पहले स्थान पर था, चालू वर्ष में भी अब तक की उपलब्धि के आधार पर वह प्रदेश के सभी जिलों से आगे है।

जिला कलक्टर सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत वर्ष 2013-14 में हुई थी, पूरे भारत में तब से लेकर अब तक कुल व्यक्तिगत शौचालय निर्माण की उपलब्धि को देखा जाए तो इसमें जयपुर जिला समूचे देश में 5 लाख 40 हजार 785 शौचालयों के निर्माण के साथ तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि जयपुर से आगे पश्चिम बंगाल के 24 परगना (5 लाख 98 हजार शौचालयों का निर्माण) तथा मुर्शिदाबाद (5 लाख 95 हजार 728) जिले हैं।

ज्ञातव्य है कि पश्चिम बंगाल के जिलों का जनसंख्या घनत्व 1029 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, इसके मुकाबले राज्य के जिलों का औसत घनत्व 201 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में भी बिखरी हुई आबादी के कारण घरों में व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण मुश्किल और अधिक चुनौतीपूर्ण है।

जयपुर जिले में अभियान के तहत अब तक बनाए गए शौचालयों की संख्या (540785) में तो प्रदेश के कई जिले पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गए होते। जयपुर में बने शौचालय की इस संख्या में भरतपुर (कुल लक्ष्य-289714) एवं चितौड़गढ़ (लक्ष्य-232887) अथवा डूंगरपुर (285395) एवं टोंक (208321) या जैसलमेर (56594) एवं व बाड़मेर (359670) जैसे जिलों के समूह पूरी तरह ‘ओडीएफ’ हो जाते हैं।

जयपुर में जितने शौचालय बने हैं, उतने में जैसलमेर जैसा जिला करीब 9 बार, चितौड़गढ़ जिला करीब 2 बार और टोंक जिला भी 2 बार ‘ओडीएफ’ हो जाता।

महाजन ने बताया कि जयपुर जिले ने एक बार फिर वर्ष 2017-18 में अब तक की उपलब्धि के आधार पर पूरे देश में ग्रामीण क्षेत्र में कुल व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण की दृष्टि से भी उल्लेखनीय प्रदर्शन किया है। चालू वित्तीय वर्ष के पहले 6 महीनों में सर्वाधिक शौचालयों का निर्माण करने वाले जिलों में जयपुर एक लाख 17 हजार 785 शौचालयों का निर्माण करते हुए आंधप्रदेश के नैल्लोर (लगभग 2 लाख 12 हजार शौचालयों का निर्माण) एवं गुजरात के दाहोद (1,20601 शौचालय) जिलों के बाद देश के अन्य सभी जिलों से आगे तीसरे स्थान पर हैं।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2016-17 में भी जयपुर जिला देशभर में एक साल में कुल शौचालयों के निर्माण की दृष्टि से पश्चिम बंगाल के चार जिलों मुर्शिदाबाद, साउथ 24 परगना, मिदनापुर वेस्ट और कूच बिहार के बाद सबसे आगे रहा था, इस वर्ष जयपुर नैल्लोर एवं दाहोद के बाद पांचवे से तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।

महाजन ने बताया कि जयपुर जिले में 5 लाख 80 हजार 310 शौचालयों के निर्माण के लक्ष्य की तुलना में वर्ष 2013-14 से लेकर अब तक 5 लाख 40 हजार 785 शौचालयों का निर्माण हुआ है, इसमें से 68 प्रतिशत उपलब्धि गत एक वर्ष के दौरान हासिल की गई है। अब जिले की ग्राम पंचायतों में करीब 40 हजार शौचालय का निर्माण किया जाना शेष है।

जिले की शेष ग्राम पंचायतों में 14 नवंबर तक बचे हुए शौचालयों का निर्माण पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सितम्बर 2016 से सितम्बर 2017 की अवधि में जिले में 3 लाख 40 हजार शौचालयों का निर्माण स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत किया गया है, जो प्रदेश में एक कीर्तिमान है।

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केरल के कन्नूर जिले में चोरों ने व्यवसायी के घर से उड़ाए एक करोड़ रुपये, सोने के 300 सिक्के

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कन्नूर। केरल के कन्नूर जिले में चोरों के एक गिरोह ने वालापट्टनम में एक व्यवसायी के घर से एक करोड़ रुपये की नकदी और सोने की 300 गिन्नियां चुरा लिए। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी।पुलिस के मुताबिक चोरी की यह घटना उस समय हुई जब व्यवसायी और उसका परिवार एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए तमिलनाडु के मदुरै गए हुए थे। उन्होंने बताया कि चोरी का पता तब चला जब रविवार रात को व्यवसायी का परिवार घर लौटा और लॉकर में रखा कीमती सामान गायब पाया।

सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा

पुलिस सूत्रों ने बताया कि घर के सभी लोग 19 नवंबर से ही घर से बाहर थे। और संदेह है कि चोरों ने रसोई की खिड़की की ग्रिल काटकर घर में प्रवेश किया। सीसीटीवी फुटेज में तीन लोगों को दीवार फांदकर घर में घुसते देखा जा सकता है।

चोरों को लिए गए फिंगरप्रिंट

पीड़ित परिवार के एक रिश्तेदार ने मीडिया को बताया कि नकदी, सोना और अन्य कीमती सामान आलमारी में बंद करके रखे गए थे। इसकी चाबी दूसरे कमरे में रखी गई थी। पुलिस और ‘फिंगरप्रिंट’ (अंगुलियों के निशान) लेने वाले विशेषज्ञों की एक टीम घर पहुंची और सुबूत एकत्र किए तथा आरोपियों को पकड़ने के लिए व्यापक तलाश अभियान चलाया गया है।

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