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जयललिता को अस्पताल में भर्ती करने के कारणों की जांच हो : पांडियन

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जयललिता को अस्पताल में भर्ती करने के कारणों की जांच हो : पांडियन

चेन्नई | तमिलनाडु विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष पी.एच.पांडियन तथा उनके बेटे व पूर्व सांसद मनोज पांडियन ने मंगलवार को प्रदेश की दिवंगत मुख्यमंत्री जे.जयललिता को अस्पताल में भर्ती किए जाने के कारणों की जांच की मांग की। दोनों (पांडियन) सत्ताधारी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्य हैं।

मनोज पांडियन ने यह भी दावा किया कि जयललिता ने उनसे एक बार कहा था कि उन्हें जहर देकर मारा जा सकता है।

बाप-बेटे दोनों ने एआईएडीएमके की महापरिषद द्वारा वी.के.शशिकला का चुनाव पार्टी के महासचिव के रूप में करने की वैधता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पार्टी के नियमों के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति का महासचिव पद पर निर्वाचन केवल पार्टी के सदस्यों द्वारा किया जा सकता है।

पी.एच.पांडियन ने यहां संवाददाताओं से कहा कि जयललिता को अस्पताल में भर्ती किए जाने के कारणों की जांच होनी चाहिए। जयललिता का पांच दिसंबर को निधन हो गया था।

अस्पताल में भर्ती किए जाने के दिन आवास पर उनके (जयललिता) जमीन पर गिरने की खबरों का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि जयललिता ने एक बार कहा था कि उनके निधन के बाद उनकी सारी संपत्ति लोगों में बांट दी जानी चाहिए और यह काम उन्हें (पांडियन) करना होगा।

मनोज पांडियन के मुताबिक, पार्टी के नियमों में अंतरिम महासचिव का कोई प्रावधान नहीं है और उनके द्वारा लिए गए सभी फैसले कानूनन अवैध हैं।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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