अन्तर्राष्ट्रीय
‘जाधव पर अब आतंकवाद, तोड़फोड़ के आरोपों में मुकदमा’
इस्लामाबाद, 6 फरवरी (आईएएनएस)| पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत द्वारा जासूसी के आरोप में मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव अब आतंकवाद और विध्वंस के आरोपों का सामना कर रहे हैं। ‘डॉन’ ने एक अधिकारी के हवाले से इस बात की जानकारी दी।
अधिकारी ने ‘डॉन’ को बताया कि जाधव मामले में पाकिस्तान सरकार ने जानकारी प्राप्त करने के लिए 13 भारतीय अधिकारियों से संपर्क की मांग की है। यह एक ऐसा तथ्य है जिसके बारे में माना जा रहा है कि पाकिस्तान द्वारा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में प्रस्तुत काउंटर मेमोरियल में भी इस बात का उल्लेख है।
उन्होंने कहा, लेकिन ‘नई दिल्ली का रवैया अडिग रूप से असहयोगी बना हुआ है।’
अधिकारी के मुताबिक, 47 वर्षीय जाधव के खिलाफ बहुत सारे मामले हैं, जिसमें उन पर आतंक और नुकसान पहुंचाने जैसे आरोप तय किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि जासूसी से संबंधित एक मामले का ही अभी समापन हुआ है। बाकी मामलों में कार्यवाही जारी है।
अधिकारी ने 13 भारतीय अधिकारियों के नामों का खुलासा नहीं किया।
उन्होंने डॉन समाचार को बताया, हम जाधव के प्रबंधकर्ता (हैंडलर) तक पहुंचना चाहते हैं।
पाकिस्तान ने नौसेना में जाधव की सर्विस फाइल, पेंशन भुगतान के बैंक रिकॉर्ड और मुबारक हुसैन पटेल के नाम से जारी पासपोर्ट के बारे में जानकारी की मांग की है।
पाकिस्तान के मुताबिक, जाधव को तीन मार्च 2016 को बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों द्वारा पकड़ा गया था।
अप्रैल 2017 में फील्ड जनरल कोर्ट मार्शल (एफजीसीएम) ने जाधव को जासूसी के आरोप में ‘दोषी पाए जाने पर’ मौत की सजा सुनाई थी।
भारत का कहना है कि जाधव बेगुनाह हैं और उन्हें ईरान से अगवा किया गया है। वह भारतीय नौसेना से सेवानिवृत्त होने के बाद वहां अपने व्यापार को संभालने के लिए गए थे।
डॉन समाचार की खबर के मुताबिक, दोषी ठहराए जाने के खिलाफ जाधव की अपील को सैन्य अपीलीय अदालत ने खारिज कर दिया था। अब उनकी क्षमा याचिका पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के पास है।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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