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जिगिशा हत्याकांड : उच्च न्यायालय ने 2 अपराधियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदला
नई दिल्ली, 4 जनवरी (आईएएनएस)| दिल्ली उच्च न्यायालय ने गुरुवार को 2009 के जिगिशा घोष हत्या मामले में दोषी करार दिए दो अपराधियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया। न्यायमूर्ति एस.मुरलीधर व न्यायमूर्ति आई.एस. मेहता की खंडपीठ ने निचली अदालत द्वारा रवि कपूर व अमित शुक्ला को सुनाई गई मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
इन आरोपियों ने निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी थी।
निचली अदालत ने 14 जुलाई, 2016 को आईटी अधिकारी जिगिशा घोष की हत्या व दूसरे आरोपों के लिए दोनों को दोषी ठहराया था।
जिगिशा नोएडा में हेविट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में संचालन प्रबंधक थी। कार्यालय के वाहन द्वारा जिगिशा को सुबह चार बजे घर छोड़े जाने के बाद उसका अपहरण किया गया था।
निचली अदालत ने दोनों को मौत की सजा सुनाते हुए कहा था कि 28 वर्षीय महिला की ‘निर्मम व अमानवीय तरीके’ से हत्या की गई।
निचली अदालत ने कहा था कि दोषियों द्वारा की गई क्रूरता वाला यह मामला दुर्लभ है और इस कारण दोनों आरोपियों को मौत की सजा सुनाई गई।
अदालत ने तीसरे अपराधी बलजीत मलिक को भी उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
जिगिशा से हत्या के दिन उसके सोने के गहने, दो मोबाइल फोन व डेबिट व क्रेडिट कार्ड भी लूट लिए गए थे।
जिगिशा का शव उसके वसंत विहार स्थित घर से करीब 20 किमी दूर हरियाणा में सूरजकुंड के पास से बरामद किया गया।
पुलिस ने तीनों अपराधियों को एक हफ्ते के भीतर उनके डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए गिरफ्तार किया था। संदिग्धों ने दिल्ली के सरोजनी नगर मार्केट में घोष के एटीएम कार्ड का इस्तेमाल महंगे चश्मे, घड़िया व जूते खरीदने के लिए किया था।
पुलिस ने उन्हें सीसीटीवी फुटेज से पहचान के बाद पकड़ा था। खरीदारी के दौरान दुकान के कैमरे में कैद होने के बाद मलिक के हाथ पर बने टैटू ने गिरोह का पर्दाफाश कर दिया।
निचली अदालत ने तीनों को भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत दोषी ठहराया था। इसमें हत्या, हत्या के लिए अपहरण, साक्ष्यों को नुकसान, लूट के दौरान जानबूझकर चोट पहुंचाने, धोखाधड़ी व नकली दस्तावेज की धाराएं शामिल हैं।
इस मामले में पुलिस ने जून 2009 में आरोप पत्र दाखिल किया था। पुलिस ने कहा कि घोष के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि उसकी गला घोंटकर हत्या की गई थी। इस मामले में अदालती कार्रवाई अप्रैल 2010 में शुरू हुई।
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दिल्ली में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए सीएम आतिशी ने जारी किया आदेश
नई दिल्ली। देश की राजधानी में दीपावली के बाद से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। बीते कुछ दिनों से दिल्ली और आसपास के इलाके में प्रदूषण खतरनाक हो गया है। ऐसे में लोगों को सांस लेने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए दिल्ली सरकार ने GRAP-3 के तहत बीएस-III पेट्रोल और बीएस-IV डीजल के चलने वाले चार पहिया वाहनों पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। मुख्यमंत्री आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा है कि इन नियमों का उल्लंघन करने वालों पर मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 194(1) के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। इसके साथ ही 20,000 रुपये का जुर्माना भी वसूला जाएगा।
आतिशी सरकार ने जारी किया आदेश
राजधानी में बढ़ते प्रदूषण की वजह से आतिशी सरकार ने आदेश जारी कर कहा कि दिल्ली में बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल एलएमवी (चार पहिया वाहन) पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अगले आदेश तक राजधानी दिल्ली में बीएस-III मानकों या उससे नीचे के दिल्ली में रजिस्टर्ड डीजल संचालित मध्यम माल वाहन (एमजीवी) प्रतिबंध रहेगा।
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