बिजनेस
जीएसटी अगले वित्तवर्ष से लागू होने का भरोसा : जेटली
नई दिल्ली| केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को कहा कि उन्हें विश्वास है कि एक अप्रैल, 2016 से पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें आम तौर पर इसके फायदों को समझने लगी हैं। जेटली ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, “हम एक ऐसी योजना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) ढांचा के सहारे, जिसका निर्माण कर लिया गया है, हम एक अप्रैल, 2016 को इसे लागू करने के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे। अभी की स्थिति के मुताबिक हम इसे लेकर काफी आशावान हैं।”
उन्होंने कहा, “राज्य जीएसटी के फायदों को देख पा रहे हैं। राज्य और केंद्र एक ही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि जीएसटी से पूरा देश एक समग्र बाजार बन जाएगा। वह वित्त मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह के नए अध्यक्ष केरल के वित्त मंत्री के. एम. मणि की अध्यक्षता में पहली बार इस समूह की बैठक को संबोधित कर रहे थे।
जेटली ने कहा, “हम संसद के मौजूदा सत्र में ही संविधान संशोधन का काम करेंगे। उसके बाद अधिकार प्राप्त समूह तीन अन्य विधेयकों का निर्माण करेगा।”
यह समूह उप समूहों की सलाहों पर भी गौर करेगा।
जेटली ने कहा कि चूंकि यह विधेयक संविधान संशोधन विधेयक है, इसलिए इसे दोनों सदनों में दो-तिहाई मत से पारित कराने की जरूरत है। उनकी पार्टी विपक्ष से इसे पारित करने में मदद करने का अनुरोध कर रही है।
इससे पहले मणि ने संवाददाताओं से यहां कहा था कि कोई भी राज्य इसका विरोध करने पर अड़ा हुआ नहीं है और अगले साल के अप्रैल से इसे लागू करने को लेकर सहमति बनने की पूरी संभावना है।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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