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बिजनेस

जीएसटी भारत के लिए एक और ऐतिहासिक ‘भाग्य से साक्षात्कार’ : अनिल अंबानी

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मुंबई, 29 जून (आईएएनएस)| रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने गुरुवार को कहा कि एक जुलाई से देशभर में लागू होने के लिए तैयार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) ‘मात्र सुधार या बदलाव’ भर नहीं है, बल्कि ‘यह हमारी आर्थिक आजादी’ है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अनिल अंबानी ने कहा, जीएसटी मात्र एक और सुधार या बदलाव नहीं है, बल्कि बेहद महत्वपूर्ण है। जीएसटी हमारी आर्थिक परिकल्पना का उदारीकरण है। यह हमारी आर्थिक आजादी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते तीन वर्षो के दौरान जीएसटी को लेकर जो किया है, वह बीते 30 वर्षो के दौरान नहीं किया जा सका।

अंबानी ने कहा, जीएसटी को लेकर वास्तविक उम्मीद आर्थिक उदारीकरण की है। जीसटी का वास्तविक वादा ही है, ‘एक देश, एक कर, एक बाजार’।

उन्होंने कहा, सत्तर साल पहले हमारे प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने संसद के सेंट्रल हॉल में भाग्य के साथ साक्षात्कार की बात कही थी।

उन्होने कहा, कल ठीक उसी वक्त आधी रात को हमारे माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उसी सेंट्रल हॉल में बेसब्री से इंतजार कर रहे राष्ट्र को संबोधित करेंगे और देश एक और ‘भाग्य से साक्षात्कार’ की तरफ आगे बढ़ेगा।

अंबानी ने कहा कि धरती पर किए गए सभी आविष्कारों में मुक्त बाजार संभवत: मानव इतिहास के आर्थिक सहूलियत में सबसे बड़ा आविष्कार है। उन्होंने कहा, यह धन पैदा करने और जीवन को बदलने वाली ताकत है।

उन्होंने कहा कि सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में है।

अंबानी ने आगे कहा, गैर निष्पादित परिसंपत्तियों के समाधान के लिए दिवाला एवं दिवालियापन कोड के तहत कार्रवाई करने के प्रस्ताव सहित मौजूदा सरकार ने देश की वित्तीय अवसंरचना में कई मूलभूत आमूल-चूल सुधार किए हैं, साथ ही देश की बैंकिंग प्रणाली को समेकित और मजबूती भी दी है।

उन्होंने कहा कि भारत इस समय एक डिजिटल क्रांति के मध्य से गुजर रहा है, जो देश के युवा नवउद्यमियों को बड़ा सोचने और बड़ा करने की इजाजत देता है।

अनिल ने कहा कि ई-कारोबार में और उससे संबंधित अन्य व्यवसायों में हाल के वर्षो में आया शानदार उभार दर्शाता है कि प्रौद्योगिकी कितनी सहायक हो सकती है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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