बिजनेस
जीएसटी भारत में ब्रांड लाइसेंसिंग उद्योग विकसित करने में सक्षम
मुबंई, 20 अगस्त (आईएएनएस)| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के क्रियान्वयन से भारत में ब्रांड लाइसेंसिंग उद्योग बढ़ेगा और खुदरा उद्योग बौद्धिक संपदा अधिकारों का सम्मान भी शुरू होगा।
इंडिया लाइसेंसिंग एक्सपो 2017 से इतर लाइसेंस इंडिया के अध्यक्ष गौरव मौर्य ने कहा, आधुनिक खुदरा व्यापार जीएसटी के वजह से खुद को खोलेगा। नई कर प्रणाली सभी के लिए स्तरीय मैदान प्रदान करेगी। हम बहुत सारी बौद्धिक संपत्ति अधिकारों (आईपी) का सम्मान करना शुरू करेंगे और इससे ब्रांड लाइसेंसिंग व्यापार बढ़ेगा।
ब्रांड लाइसेंसिंग में मूल रूप से उद्योग निर्माता या खुदरा व्यापारी से ब्रांड को किराए पर लेता है, जिससे कि वह संभावित बाजार में अपने खुद के उत्पादों को बढ़ावा दे।
जीएसटी बहुत सारे अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड को भारत आने का अवसर देगा। यह सिर्फ भारत के बड़े उपभोक्ता बाजार की वजह से नहीं, बल्कि स्तरीय मैदान की वजह से। उन्होंने कहा कि सरकार व्यापार को विनियमित करने में सहायक है।
एक्सो में अपने संबोधन में वायाकॉम इंटरनेशनल मीडिया नेटवर्क के उपाध्यक्ष लाइसेंसिंग व बिजनेस डेवेलपमेंट डान फ्रूग्टेनेट ने कहा कि भारत में बाजार के संदर्भ में विकास की संभावना बहुत बड़ी है।
बिजनेस
जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई
नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।
बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।
बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।
ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।
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