बिजनेस
जीएसटी सुविधा प्रदाताओं ने कहा, आईटी प्रणाली तैयार नहीं
नई दिल्ली, 10 जून (आईएएनएस)| देश तीन हफ्ते बाद एक जुलाई से धमाकेदार कर सुधार की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है यानी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने जा रहा है, लेकिन इसके लिए आईटी प्रणालियां अभी तक तैयार नहीं हो पाई हैं।
टैली सोल्यूशंस के कार्यकारी निदेशक तेजस गोयनका ने आईएएनएस को बताया, अभी सारे नियम अधिसूचित होने बाकी हैं। एक बार नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा, तभी वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) तैयार हो पाएगा। उसके बाद ही जीएसटी सुविधा प्रदाता (जीएसपी) तैयार हो पाएंगे।
जीएसपी का गठन बड़े व्यापार को जीएसटी शासन के तहत जटिल आंतरिक प्रक्रियाओं में मदद के लिए किया गया है। शुक्रवार को जीएसटीएन अधिकारियों और सुविधा प्रदाताओं के बीच एक बैठक का आयोजन किया गया।
साइगनेट इंफोटेक के संस्थापक और निदेशक नीरज हुथीसिंह ने कहा कि जैसे-जैसे इसे लागू करने का समय समीप आ रहा है, बाजार का सबसे बड़ा डर सच होनेवाला है और वो है आईटी तैयारियों में कमी। पहली जुलाई की डेडलाइन व्यावहारिक नहीं है।
सभी जीएसपी का चयन और पंजीकरण जीएसटीएन ने किया। वे जीएसटी सेवा प्रदान करने के लिए जीएसटीएन नेटवर्क के एप्लिकेबल प्रोग्राम इंटरफेस (एपीआई) पर निर्भर हैं। अभी तक कुल 34 जीएसपी का चयन किया गया है।
जीएसपी एकांउटिंग सॉफ्टवेयर, एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सॉफ्टवेयर, फाइलिंग सॉफ्टवेयर और बिलिंग सॉफ्टवेयर के एपीआई का प्रयोग करेंगे, जो व्यवसायों को नए अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के अनुपालन में मदद करेंगे।
विश्लेषक प्रीतम महुरे का कहना है कि 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करना कोई मुद्दा नहीं है, लेकिन समस्या यह है कि अब केवल 20 दिन बाकी है और चीजें तय नहीं हुई हैं। यह सुविधा प्रदाताओं की परीक्षण आवश्यकताओं को बाधित कर रहा है।
प्रादेशिक
एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन
मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।
शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।
उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।
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