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जेटली ने जीडीपी वृद्धि दर को सराहा, कहा रोजगार सृजन जारी

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नई दिल्ली, 18 जून (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्तमंत्री और भारतीय जनता पार्टी वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने चौथी तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की रफ्तार 7.7 फीसदी रहने की तारीफ की और कहा कि भविष्य अतीत की तुलना में अधिक चमकीला दिख रहा है। जेटली ने एक और लंबे ब्लॉग में लिखा, चौथी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों में देश की विकास दर 7.7 फीसदी रही है, जिसने भारत के सबसे तेजी से बढ़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित कर दिया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह रुझान अगले कुछ सालों तक बरकरार रहेगी।

जेटली ने आगे लिखा, संरचनात्मक सुधार जैसे नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) लागू करने के कारण हमें दो चुनौतीपूर्ण तिमाहियों का सामना करना पड़ा।

जेटली ने कहा कि जिन्होंने जीडीपी में दो फीसदी की गिरावट की भविष्यवाणी की थी, वे गलत साबित हुए हैं।

जेटली ने हाल ही में किडनी प्रत्यारोपण कराया है और वह फिलहाल आराम कर रहे हैं और अभी तक उन्होंने अपना कार्यभार नहीं संभाला है।

रोजगार सृजन पर जेटली ने कहा, जारी आंकड़ों के विश्लेषण से साफ तौर से दिखता है कि निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर दो अंकों में है और यह रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है। निवेश बढ़ रहा है। घरेलू निवेश भी बढ़ रहा है। एफडीआई अभूतपूर्व स्तर पर है।

उन्होंने कहा कि अगर भारत इसी तरह से कम कर अनुपालन वाला देश बना रहेगा, तो केंद्र और राज्य सरकार के पास व्यय के लिए बहुत कम रकम होगी। वे ज्यादा उधार लेंगे और कम खर्च करेंगे। नोटबंदी, जीएसटी, डिजिटीकरण, आधार और काला धन को रोकनेवाले कदमों से भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे औपचारिक बनती जा रही है।

कर संग्रह के बारे में जेटली ने कहा, पिछले साल 6.86 करोड़ लोगों ने आयकर रिटर्न दाखिल किया था। नोटबंदी के बाद आयकर रिटर्न दाखिल करने में 25 फीसदी की तेजी आई है। यहां तक कि कॉर्पोरेट द्वारा दाखिल किए जानेवाले रिटर्न में भी 17 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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