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झारखंड के मुख्यमंत्री ने 85429 करोड़ रुपये के घाटे का बजट पेश किया

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 रांची, 22 जनवरी (आईएएनएस)| झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में राज्य वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 85,429 करोड़ रुपये घाटे का बजट पेश किया। दास ने वित्त मंत्रालय अपने पास रखा है। वह पहले मंत्री हैं, जिन्होंने लगातार पांचवें साल राज्य का बजट पेश किया है।

 सरकार ने बजट का प्रमुख हिस्सा ग्रामीण विकास के लिए आवंटित किया है, जिसमें पंचायतों के लिए 14.32 फीसदी, शिक्षा के लिए 13.56 फीसदी और कृषि और संबंधित क्षेत्रों के लिए 9.46 फीसदी का आवंटन किया गया है। वहीं, समाज कल्याण क्षेत्र में अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 7.72 फीसदी, पुलिस और आपदा प्रबंधन के लिए 7.15 फीसदी फंड का आवंटन किया गया है।

सरकार को करों से 20,850 करोड़ रुपये की कमाई की उम्मीद है, जबकि गैर-कर प्राप्तियों से 10674.20 करोड़ रुपये और केंद्रीय मदद से 13,833.80 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।

केंद्रीय करों में राज्य की हिस्सेदारी 29,000 करोड़ रुपये और सार्वजनिक कर्ज में 11,000 करोड़ रुपये है, जबकि उधार और अग्रिम संग्रह से सरकार को 71 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

वित्त वर्ष 2019-20 में जीएसडीपी (राज्य सकल घरेलू उत्पाद) 3,16,731 करोड़ रुपये का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष से 10.5 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2018-19 में जीएसडीपी 2,86,598 करोड़ रुपये थी।

वित्त वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 83,513 रुपये रहने का अनुमान है, जोकि वित्त वर्ष 2018-19 (76,806 रुपये) से 8.73 फीसदी अधिक है।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राजकोषीय घाटा 7,155.63 करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 2.26 फीसदी अधिक है।

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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात

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महाकुम्भनगर|  महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।

हर गतिविधि होगी कैप्चर

महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।

महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन

महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।

एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद

महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।

ये है टीथर्ड ड्रोन

महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।

बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम

टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।

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