बिजनेस
टाइगरएयर ने 50 फीसदी किराया घटाया
चेन्नई | सिंगापुर के स्वर्ण जयंती समारोह के जश्न में शरीक होते हुए किफायती विमानन कंपनी टाइगरएयर ने सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड की साझेदारी में मंगलवार को किराए में 50 फीसदी छूट की घोषणा की है। विमानन कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह एक सीमित अवधि वाली पेशकश है और भारत के पांच शहरों से सिंगापुर की यात्रा करने वाले यात्री इसका लाभ उठा सकते हैं।
कंपनी के बिक्री और विपणन निदेशक तेह यिक चुआन ने यहां संवाददाताओं से कहा, “चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, कोच्चि और त्रिचि से सात जुलाई, 2015 से 15 जुलाई के बीच बुकिंग कराने वाले यात्री इस छूट का लाभ उठा सकते हैं।” इन टिकटों पर चार अगस्त, 2015 से छह नवंबर 2015 के बीच यात्रा की जा सकती है। इस पेशकश के तहत टाइगरएयर की वेबसाइट से निर्धारित अवधि के अंदर बुकिंग करने पर चेन्नई से सिंगापुर के लिए एक ओर का किराया 3,799 रुपये और चेन्नई से सिंगापुर जाने और वापस आने का कुल किराया 7,999 रुपये होगा। चुआन ने कहा, “सिंगापुर की आजादी की 50वीं सालगिरह मनाने के लिए सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड के साथ साझेदारी कर हम उत्साहित हैं।”
सिंगापुर टूरिज्म बोर्ड की क्षेत्रीय निदेशक ब्रिजेट गोह के मुताबिक सिंगापुर में भारतीय पर्यटकों की संख्या 2015 की पहली छमाही में पांच लाख से अधिक हो गई है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में यह संख्या 9,43,000 रही थी और इस साल इसके अधिक रहने का अनुमान है। गोह ने बताया कि जश्न की खुशी में सिंगापुर सरकार भी विदेशी पर्यटकों को काफी सुविधाएं दे रही है।
बिजनेस
जेट एयरवेज की संपत्तियों की होगी बिक्री
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को रद्द करते हुए दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) के अनुसार निष्क्रिय जेट एयरवेज के परिसमापन का आदेश दिया। एनसीएलएटी ने पहले कॉरपोरेट दिवालियापन समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के हिस्से के रूप में जालान कालरॉक कंसोर्टियम (जेकेसी) को एयरलाइन के स्वामित्व के हस्तांतरण को बरकरार रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि जेकेसी संकल्प का पालन करने में विफल रहा क्योंकि वह 150 करोड़ रुपये देने में विफल रहा, जो श्रमिकों के बकाया और अन्य आवश्यक लागतों के बीच हवाई अड्डे के बकाया को चुकाने के लिए 350 करोड़ रुपये की पहली राशि थी। नवीनतम निर्णय एयरलाइन के खुद को पुनर्जीवित करने के संघर्ष के अंत का प्रतीक है।
NCLT को लगाई फटकार
पीठ की ओर से फैसला सुनाते हुए न्यायमूर्ति पारदीवाला ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ एसबीआई तथा अन्य ऋणदाताओं की याचिका को स्वीकार कर लिया। याचिका में जेकेसी के पक्ष में जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखने के फैसले का विरोध किया गया है। न्यायालय ने कहा कि विमानन कंपनी का परिसमापन लेनदारों, श्रमिकों और अन्य हितधारकों के हित में है। परिसमापन की प्रक्रिया में कंपनी की संपत्तियों को बेचकर प्राप्त धन से ऋणों का भुगतान किया जाता है। पीठ ने एनसीएलएटी को, उसके फैसले के लिए फटकार भी लगाई।
शीर्ष अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी विशेष शक्तियों का इस्तेमाल किया, जो उसे अपने समक्ष लंबित किसी भी मामले या मामले में पूर्ण न्याय सुनिश्चित करने के लिए आदेश तथा डिक्री जारी करने का अधिकार देता है। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी विमानन कंपनी की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने की मंजूरी दी थी। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई), पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने एनसीएलएटी के फैसले के खिलाफ अदालत का रुख किया था।
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