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टाटा समूह ने लांच की भारत की सबसे बड़ी स्कूल निबंध प्रतियोगिता

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‘टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता’ का नौवां संस्करण लान्च
नोएडा। टाटा समूह ने ‘टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता’ के नौवें संस्करण को शुरू करने की घोषणा की है। ‘टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता’ राष्ट्रींय स्तर की प्रतियोगिता है। सही मायने में यह भारत की सबसे बड़ी स्कूल निबंध लेखन प्रतियोगिता है, जो देश भर के शहरों में विभिन्न भाषाओं में आयोजित की जाती है। इस साल देश भर के 200 शहरों के 7000 से ज्यादा स्कूलों में करीब 30 लाख छात्र इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे। प्रतियोगिता का आयोजन 12 भाषाओं- अंग्रेजी, हिंदी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, मराठी, कन्नड़, उडि़या, तेलुगू, मलयालम, पंजाबी और असमिया में की जाएगी। इस साल स्कूल निबंध प्रतियोगिता की थीम ‘स्वच्छ भारत’ है, जिसमें युवा प्रतिभाओं को इस विषय पर अपने विचारों को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

वर्श 2006 में अंग्रेजी भाशा के निबंध प्रतियोगिता के तौर पर इसकी षुरूआत की गई थी। हर साल आयोजित होने वाले टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता का मकसद देष भर के युवा प्रतिभाओं को प्रेरित और पोशित करना है और उन्हें राश्ट्र निर्माण के बारे में विचार करने को प्रोत्साहित करना है। 2014-15 में इस प्रतियोगिता का आयोजन जम्मू से लेकर तिरुनलवेली और गुवाहाटी से लेकर राजकोट तक देष भर में किया जाएगा।

प्रतियोगिता के बारे में टाटा सर्विसेज के समूह कार्पोरेट कम्युनिकेषंस के कार्पोरेट अफेयर्स उपाध्यक्ष अतुल अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें खुषी है कि टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता को हर साल देष भर के स्कूलों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिलती  रही है। विचारों को प्रेरित करने और विभिन्न भाशाओं में व्यापक स्तर पर मंच उपलब्ध कराने वाली इस प्रतियोगिता के जरिये टाटा समूह का मकसद राश्ट्र निर्माण की दिषा में छात्रों के बीच सकारात्मक और नवोन्मेशी सोच को प्रोत्साहित करना है। हमारा मानना है कि सही समय पर युवा प्रतिभाओं को षिक्षित और पोशित करने से वे अपने जीवन में खुषहाल और समृद्ध भारत के राश्ट्र निर्माता के तौर पर उभरेंगे।’’

छात्रों को एकसामन अवसर सुनिष्चित कराने के लिए प्रतियोगिता का आयोजन दो श्रेणियों- कक्षा 6 से 8 तक के लिए जूनियर लेवल और कक्षा 9 से 12 तक सीनियर लेवल पर आयोजित की जाती है। हर साल राश्ट्र निर्माण से जुड़े विभिन्न विशयों की थीम का चयन किया जाता है और प्रतिभागियों को 500 से 600 षब्दों में निबंध लिखकर जमा कराने को कहा जाता है। निबंध का मूल्यांकन विशय की प्रासंगिकता, संरचना, रचनात्मकता और विचारों के संचार जैसे मानदंडों पर किया जाता है और स्कूल, षहर और राश्ट्रीय स्तर पर विजेताओं को पुरस्कृत किया जाता है।

टाटा बल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता 2014-15 के तहत भाग लेने वाले स्कूलों में दो चरणों में गतिविधियां आयोजित की जाएगी। पहले चरण में टाटा से जुड़ी प्रेरणादायी फिल्म प्रदर्षित की जाएगी, जिसके जरिये छात्रों को राश्ट्र के बारे में सोचने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके बाद छात्रों को निबंध के विशय के बारे में बताया जाएगा और उन्हें दिए गए विशय पर निबंध लिखना होगा। इस साल प्रतियोगिता की थीम ‘स्वच्छ भारत’ है।

टाटा बिल्डिंग इंडिया स्कूल निबंध प्रतियोगिता के बारे में
वर्श 2006 में 6 षहरों में 100,000 छात्रों के साथ षुरू की गई अंग्रेज़ी भाशा में यह प्रतियोगिता आज कई गुना बढ़कर भारत की सबसे बड़ी राश्ट्रीय स्तर की निबंध प्रतियोगिता है जो देषभर के 200 षहरों के 7000 स्कूलों में 12 भाशाओं में लगभग 30 लाख छात्रों तक पहुंचेगी। प्रतियोगिता के अंग्रेज़ी संस्करण में देषभर के 60 षहरों के 2,200 अंग्रेज़ी माध्यम वाले स्कूलों के छात्र भाग लेंगे जबकि हिंदी संस्करण में उत्तर और मध्य भारत के 46 षहरों के करीब 1600 स्कूलों के छात्र इस प्रतियोगिता में हिस्सेदारी करेंगे। इनके अलावा, अलग-अलग राज्यों में उन भाशाओं में प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा जो कि राज्य की षासकीय भाशा है तथा प्रत्येक भाशा में 150 से 500 स्कूलों में प्रतियोगिता करायी जाएगी।
प्रतियोगिता का आयोजन जिन प्रमुख षहरों में किया जाएगा उनमें षामिल हैं मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, इंदौर, गोवा, नागपुर, भोपाल, वडोदरा, सूरत, हैदराबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, मनिपाल, कोयंबतूर, कोच्चि, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, मदुरई, विषाखापट्टनम, हुबली, पुदुचेरी, कोझिकाड (कलिकट), जयपुर, षिमला, लखनऊ, लुधियाना, इलाहाबाद, जम्मू, उदयपुर, वाराणसी, अमृतसर, अजमेर, कानपुर, चंडीगढ़, जयपुर, कोलकाता, जमषेदपुर, दार्जिलिंग, भुवनेष्वर, पटना, गोवाहाटी, सिलीगुड़ी, रांची, कटक, षिलान्ग, गंगटोक, राउरकेला तथा जबलपुरागरा, सूरत, जालंधर, मेरठ, भरतपुर, ग्वालियर, दिल्ली-एनसीआर।
मूल्यांकन प्रक्रिया
बच्चों को निबंध सिर्फ एक बार लिखना होगा है जबकि उसका मूल्यांकन तीन स्तरों पर किया जाएगा।
स्कूली स्तर – सबसे पहले प्रत्येक स्कूल में इस मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए चुने गए षिक्षकों द्वारा इन प्रविश्टियों का मूल्यांकन किया जाएगा। हर स्कूल की विजेता प्रविश्टी को षहरी स्तर की मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा।
षहरी स्तर – इसके बाद स्थानीय षिक्षाविदों/पत्रकारों के स्वतंत्र निर्णायक मंडल द्वारा षहरी स्तर की सर्वश्रेश्ठ प्रतिविश्टियों को चुना जाएगा। सर्वश्रेश्ठ निबंधों को षहरी स्तर की मूल्यांकन प्रक्रिया में चुना जाएगा। राश्ट्रीय स्तर -हर षहर के सर्वश्रेश्ठ निबंध का मूल्यांकन जाने-माने निर्णायक मंडल द्वारा किया जाएगा जो हर भाशा के राश्ट्रीय विजेताओं को चुनेंगे (प्रादेषिक भाशाओं में राज्य स्तरीय विजेता)
पुरस्कार
प्रत्येक स्तर के विजेताओं को पुरस्कृत किया जाएगा और षहरी स्तर के विजेताओं तथा राश्ट्रीय स्तर के विजेताओं को सम्मानित करने के लिए विषश अभिनंदन समारोह आयोजित किए जाएंगे। स्कूली स्तर के विजेताओं को पुरस्कारस्वरूप प्रमाणपत्र, पदक और विषेश टाटा बिल्डिंग इंडिया मर्चेंडाइज़ दिए जाएंगे। षहरी स्तर के विजेताओं और उप-विजेताओं को कैमरे तथा एमपी3 प्लेयर प्रदान किए जाएंगे। नेषनल लैवल के विजेताओं को लैपटाप दिए जाएंगे।
राश्ट्रीय स्तर के विजेाताओं और उप-विजेताओं को नई दिल्ली स्थित राश्ट्रपति भवन का दौरा कराया जाएगा और किसी राश्ट्रीय स्तर की विषिश्ट हस्ती से मुलाकात का भी अवसर मिलेगा।

टाटा समूह के बारे में
टाटा समूह का प्रमुख उद्देष्य दुनियाभर में उन समुदायों के जीवन स्तर में सुधार करना है जिन्हें यह सेवाएं प्रदान करता है और इसके लिए समूह ने भरोसेमंद नेतृत्व पर आधारित उनके लिए दीर्घकालिक मूल्य सृजन करता है। जमषेदजी टाटा द्वारा 1868 में स्थापित टाटा समूह भारत स्थित वैष्विक उपक्रम है और इसकी करीब 100 कंपनियां छह से अधिक महाद्वीपों में 100 से ज्यादा देषों में सक्रिय है और इसकी कंपनियां 150 से अधिक देषों को अपने उत्पाद तथा सेवाएं निर्यात करती हैं। टाटा समूह की कंपनियों का कुल राजस्व वर्श 2013-14 में 103.27 बिलियन डाॅलर (लगभग 624,757 करोड़ रु) दर्ज किया गया और इसका 67.2 प्रतिषत हिस्सा भारत के बाहर इसकी कारोबारी गतिविधियों से प्राप्त हुआ। दुनियाभर में टाटा समूह के कर्मचारियों की संख्या 581,470 है।
कार्पोरेट नागरिकता के सुसंस्कार टाटा समूह की बुनियादी खूबी है। इसकी प्रमोटर होल्डिंग कंपनी टाटा संस के साठ फीसदी का स्वामित्व परोपकारी ट्रस्टों के पास है, और इस तरह यह समाज से कमाए धन को उसे ही वापस करती है। इस अनूठी स्वामित्व संरचना और समाज के लिए योगदान करने की भावना के चलते, टाटा घराने को पिछले 140 वर्शों से भारत में सम्मानित औद्योगिक घराने का दर्जा प्राप्त है और इसने मूल्यों तथा कारोबारी सिद्धांतों का कड़ाई से पालन कर यह साख हासिल की है। टाटा समूह की हर कंपनी स्वतंत्र रूप से काम करती है और हरेक का अपना अलग निदेषक मंडल तथा षेयरधारकों का आधार है, जिनके प्रति वह जवाबदेह होती है। समूह के 32 सूचीबद्ध उपक्रमों की संयुक्त बाजार पूंजी लगभग 141.02 बिलियन डाॅलर (25 सितंबर, 2014) है और इसके पास 3.9 मिलियन षेयरधारकों का मजबूत आधार है। टाटा ग्रुप की प्रमुख कंपनियों में टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, टाटा कन्सल्टैंसी सर्विसेज़ (टीसीएस), टाटा पावर, टाटा कैमिकल्स, टाटा ग्लोबल बेवेरेजेस, टाटा कम्युनिकेषंस, टाइटन, टाटा कम्युनिकेषंस एवं इंडियन होटल्स षामिल हैं।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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