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मनोरंजन

टीवी अभिनेता को विधवा विवाह पर नजरिए में बदलाव की उम्मीद

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टेलीविजन अभिनेता मिशाल रहेजा ‘इश्क का रंग सफेद’ के साथ छोटे पर्दे पर वापसी कर रहे हैं। जिसमें विधवा विवाह के बारे में बात की जाएगी। वहीं अभिनेता का कहना है कि उन्हें उम्मीद है कि टीवी शो के साथ देशभर में बदलाव होगा। मिशाल ने मुंबई से फोन पर आईएएनएस को बताया, “मुझे उम्मीद है कि इससे समाज में बदलाव आएगा, क्योंकि टीवी की काफी पहुंच है और हमें उम्मीद है कि यह होगा। मुझे नहीं लगता कि हमें किसी की जिंदगी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए और हर कोई अपने तरीके से अपना साथी चुन सकता है।”

उन्होंने कहा, क्योंकि अगर कोई दोबारा शादी से खुश है तो हम कौन होते हैं उनकी खुशियां खत्म करने वाले, आखिर हर कोई खुश रहना चाहता है।

कलर्स के शो ‘इश्क का रंग सफेद’ में बनारस की पृष्ठभूमि दिखाई जाएगी। इसमें दिखाया जाएगा कि एक विधवा के साथ समाज कैसा व्यवहार किया जाता है और एक लड़का विपलव (मिशाल) जिसे विधवा धानी (ईशा सिंह ) से प्यार हो जाता है।

अभिनेता को ‘लागी तुझसे लगन’, ‘लव स्टोरी’ और ‘महारक्षक आर्यन’ जैसे धारावाहिकों के लिए जाना जाता है।

 

मनोरंजन

आखिर लता मंगेशकर ने क्यों नहीं की थी शादी, खुद इंटरव्यू में किया था खुलासा

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नई दिल्ली। सुरों की मल्लिका, भारत रत्न से सम्मानित स्वर कोकिला लता मंगेशकर का आज जन्मदिन है। भले ही वो आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अपने गानों की वजह से अमर हैं। 28 सितंबर, 1929 को इंदौर में एक मध्यमवर्गीय मराठा परिवार में जन्मीं लता मंगेशकर ने जिंदगी अकेले गुजारी। पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता ने शादी नहीं की, ऐसा उन्होंने क्यों किया, इसका खुलासा उन्होंने खुद किया था।

लता मंगेशकर ने अपनी मधुर आवाज का जादू दुनियाभर में बिखेरा और भारत की पहचान बढ़ाई। कोमल और दयालु हृदय वालीं लता दी ने लेकिन शादी क्यों नहीं की, ये सवाल लोगों के मन में सालों तक रहा। हालांकि इस सवाल का जवाब उन्होंने खुद दिया। साल 2011 में लता दी ने इस बात का खुलासा अपने जन्मदिन के दिन किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि सब कुछ भगवान की इच्छा के अनुसार होता है। जीवन में जो भी होता है, वह अच्छे के लिए होता है और जो नहीं होता, वह भी अच्छे के लिए ही होता है।

इंटरव्यू में जब उनसे सवाल किया गया कि क्या कभी जीवन में अकेलापन महसूस होता है, खालीपन अखरता है… तब लता मंगेशकर कहा था कि मेरे सारे दोस्त चले गए। नरगिस और मीना कुमार मेरी करीबी दोस्त थीं। हम उनके निधन तक रेगुलर तौर पर टच में रहते थे। एक अन्य दोस्त मेरे देव आनंद भी रहे, जिनके संपर्क में लगातार रही। दोस्तों के जाने के बाद जीवन में खालीपन महसूस होता था। लता मंगेशकर ने एक अन्य इंटरव्यू में बताया था कि घर में वह सबसे बड़ी थीं, इसलिए उन पर जिम्मेदारियों भी कई थीं। ऐसे में कई बार शादी का ख्याल आता भी था तो उस पर अमल नहीं कर सकती थी।

 

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