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टेटे : बहरीन ओपन में भारतीय खिलाड़ियों ने जीते 12 पदक
नई दिल्ली, 12 फरवरी (आईएएनएस)| बहरीन के मनामा में आयोजित बहरीन जूनियर एवं कैडेट ओपन टेबल टेनिस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने आठ और पदक अपने नाम कर लिए। इनमें दो स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। भारत ने इस तरह कुल 12 पदकों के साथ प्रतियोगिता में अपने अभियान का समापन किया।
भारत के लिए यू-15 में वर्ल्ड नंबर-4 पायस जैन ने लड़कों के एकल स्पर्धा के फाइनल में चेक गणराज्य के सिमोन बेलिक को 3-1 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।
लड़कियों के कैडेट वर्ग में पांच युवा खिलाड़ियों ने क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई। हालांकि इन पांच में से केवल दो ही सेमीफाइनल तक पहुंच सके।
अनज्र्ञया मंजूनाथ और यश्चिनी घोरपांडे की जोड़ी ने ग्रीस की मालामेटिना पापादिमीत्रियू और मिस्र की हाना गोदा को 3-0 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया।
सुहाना सैनी और स्वास्तिका घोष को क्रमश : मिनी कैडेट और जूनियर वर्ग में कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा।
यू-15 वर्ग में सुहाना को वल्र्ड नंबर-42 हाना गोदा से सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। वहीं, स्वास्तिका को रुस की क्रिस्टिना कजांतसेवा से शिकस्त खाकर कांस्य से संतोष करना पड़ा।
युगल वर्ग में अनज्र्ञया मंजूनाथ और सुहाना सैनी तथा मनुश्री पाटिल और स्वास्तिका घोष की जोड़ी ने लड़कियों की जूनियर वर्ग के फाइनल में अपनी जगह बनाई। फाइनल में मंजूनाथ और सुहाना की जोड़ी को क्रिस्टिना और ओल्गा विश्नियाकोवा की जोड़ी से पराजेय झेलनी पड़ी।
इसके अलावा स्वास्तिका और मनुश्री की जोड़ी को भी फाइनल में रुस की जोड़ी से 2-3 से हारकर रजत पदक से ही संतोष करना पड़ा।
लड़कों के युगल वर्ग में पायस जैन और दीपित पाटिल को भी फाइनल में रुस के अर्टेम टिखोनोव और लेव कात्समन की जोड़ी से शिकस्त का सामना करना पड़ा। भारतीय जोड़ी को रजत पदक मिला।
भारतीय खिलाड़ियों ने इससे पहले चार और पदक जीते थे और उसने कुल 12 पदकों के साथ प्रतियोगिता का समापन किया।
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महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात
महाकुम्भनगर| महाकुम्भ में पहली बार चप्पे चप्पे पर नजर रखने के लिए हवा में टीथर्ड ड्रोन तैनात किया गया है। हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की क्षमता वाले इस हाई सिक्योरिटी टीथर्ड ड्रोन की नजर से किसी का भी बच पाना नामुमकिन है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह अत्याधुनिक उपकरण महाकुम्भनगर में लगाया गया है। महाकुम्भनगर के एसएसपी ने इसकी निगरानी के लिए एक एक्सपर्ट टीम तैनात कर दी है।
हर गतिविधि होगी कैप्चर
महाकुम्भनगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने इसे सेकेंडों में अलर्ट मोड में आ जाने वाला नायाब उपकरण बताया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि इस बार के महाकुम्भ को अविस्मरणीय बनाया जाए, जिसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को हाईटेक किया जा रहा है। इस टीथर्ड ड्रोन में हाई रिजॉल्यूशन इमेज, वीडियो और सेंसर डेटा एकत्र करने की अद्भुत क्षमता है। डेटा ट्रांसमिशन के लिए यह बेहद सुरक्षित है और ऊंचाई से महाकुम्भनगर की हर छोटी-बड़ी गतिविधियां कैप्चर करने में इसे महारत हासिल है।
महाकुम्भ पुलिस की तीसरी आंख से बच पाना नामुमकिन
महाकुम्भनगर की पुलिस के लिए टीथर्ड ड्रोन तीसरी आंख का काम कर रहा है। इससे बच पाना किसी के लिए भी नामुमकिन है। इसके जरिए संगम तट के अलावा अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले घाटों और प्रमुख स्थलों पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मंदिरों और अन्य प्रमुख स्थलों पर नजर रखने के लिए हाई रिजॉल्यूशन कैमरे से लैस इस उपकरण को तैनात कर दिया गया है, जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं से संबंधित अलर्ट अफसरों को जारी कर रहे हैं।
एआई लाइसेंस युक्त कैमरे के साथ पुलिस अफसर मुस्तैद
महाकुम्भ के दौरान पुलिस पूरे मेला क्षेत्र में 2750 से अधिक सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की जा रही है। इसमें आधे से ज्यादा एआई लाइसेंस युक्त कैमरे भी शामिल हैं। एसएसपी महाकुम्भनगर राजेश द्विवेदी के अनुसार, इस बार महाकुम्भनगर में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। ऐसे में सीएम योगी की मंशा के अनुरूप सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद बनाए रखने और किसी तरह की कोई अप्रिय घटना न हो, इसके लिए हर अधिकारी मुस्तैदी से कार्य कर रहा है।
ये है टीथर्ड ड्रोन
महाकुम्भनगर की महत्ता को ध्यान में रखते हुए इस बार टीथर्ड ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। ये एक विशेष प्रकार के कैमरे होते हैं। इन कैमरों को एक बड़े बलून के सहारे रस्सी से बांधकर एक निश्चित ऊंचाई पर तैनात किया जाता है। महाकुम्भनगर में इन्हें ऊंचे टॉवर्स पर इंस्टॉल किया जा रहा है। यहीं से ये पूरे मेला क्षेत्र में नजर रख रहे हैं। इन्हें बार-बार उतारना भी नहीं पड़ेगा और ये पूरे मेला क्षेत्र पर अपनी पैनी नजर से निगरानी कर सकने में सक्षम हैं।
बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम
टीथर्ड ड्रोन की मदद से कंट्रोल रूम को मेला क्षेत्र की हर एक महत्वपूर्ण फुटेज प्राप्त हो सकेगी। इसके माध्यम से अत्यधिक भीड़ भाड़ वाले स्थानों को चिह्नित कर वहां तत्काल पुलिस का प्रबंध किया जा सकता है। वहीं किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर भी नजर रखी जा सकती है। हाई रिजॉल्यूशन के कारण ये कैमरे बहुत दूर तक देख पाने में सक्षम हैं।
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