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मुख्य समाचार

टोलमुक्त भारत के लिए बैठक सोमवार को

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टोलमुक्त भारत, बैठक सोमवार को, बढ़ रही महंगाई, लुटेरी परिवहन व्यवस्था, एक लाख करोड़ रुपये के सालाना आर्थिक नुकसान, देश के ट्रांसपोर्टरों, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस

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लखनऊ। टोल प्लाजा के कारण बढ़ रही महंगाई से आम जनता को निजात दिलाने तथा लुटेरी परिवहन व्यवस्था से देश को हो रहे एक लाख करोड़ रुपये के सालाना आर्थिक नुकसान के मुद्दे को आधार बनाकर देश के ट्रांसपोर्टरों ने केंद्र सरकार से आर-पार की लड़ाई छेड़ने के लिए कमर कस ली है। देश की जनता को टोलमुक्त सड़क दिलाने के लिए संघर्ष की रूपरेखा तय करने के लिए देश भर के प्रमुख परिवहन व्यवसायी 31 अगस्त को दिल्ली में बैठक करने जा रहे हैं। बैठक के बाद 1 अक्टूबर से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस द्वारा अनिश्चितकालीन चक्का जाम का ऐलान भी किया जा सकता है।

ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रवक्ता व अखिल भारतीय परिवहन विकास ट्रस्ट के अध्यक्ष जगदीश चंद्र गुप्त ने बताया कि केंद्रीय परिवहन मंत्री से निरंतर वार्ता के बाद भी संतोषजनक परिणाम नहीं निकलने के बाद एआईएमटीसी ने सड़क पर उतरने का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के पूर्व भाजपा अध्यक्ष ने व्यापारियों की सभा में वादा किया था कि हमारी सरकार बनने पर टोल मुद्दे को समाप्त किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद कई बार की वार्ता में आश्वासन देते रहे, मगर 15 माह बाद भी इस संदर्भ में कोई ठोस कार्ययोजना तैयार नहीं हो पाई है, जबकि टोल प्लाजा से केंद्र सरकार को मिलने वाले राजस्व एवं सड़क निर्माण के लिए ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने देश के लगभग 90 लाख ट्रकों को टोल परमिट जारी करने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रखा था, जिससे मिलने वाला राजस्व वर्तमान में टोल प्लाजा से मिलने वाले राजस्व की तुलना में कई गुना हो सकता है।

गुप्त ने बताया कि टोल प्लाजा पर निरंतर भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है, जिसका शिकार आम जनता हो रही है। जरूरी वस्तुओं के दाम में बेतहाशा वृद्धि तथा सड़क मार्ग से यात्रा करने वाली जनता की जेब कट रही है। टोल प्लाजाओं पर लग रही वाहनों की लंबी कतारों से ईंधन की बर्बादी, पर्यावरण व समय के रूप में प्रतिवर्ष हो रहे तकरीबन एक लाख करोड़ रुपये के आर्थिक नुकसान को रोकने की दृष्टि से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष भीम वाधवा ने टोल मुक्त भारत के लिए सतत संघर्ष करने का संकल्प लिया है, जिसके तहत 31 अगस्त को नई दिल्ली में संघर्ष की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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