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अन्तर्राष्ट्रीय

‘ट्रंप ने रूस मामले के जांचकर्ता वकील को बर्खास्त करने की कोशिश की थी’

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वाशिंगटन, 26 जनवरी (आईएएनएस)| अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रूस के दखल के आरोप की जांच से जुड़े विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मूलर को पिछले साल जून में ही बर्खास्त करने का आदेश दिया था।

लेकिन, व्हाइट हाउस के वकील डोनाल्ड मैकगन ने आदेश का पालन करने से इनकार करते हुए खुद अपने पद से इस्तीफा देने की धमकी दे डाली, जिसके बाद ट्रंप ने अपने कदम वापस खींच लिए। इस बात का खुलासा गुरुवार को अमेरिकी अखबार न्यूयार्क टाइम्स ने किया।

न्यूयार्क टाइम्स की रपट के मुताबिक, राष्ट्रपति की ओर से मूलर को हटाने का आदेश मिलने पर व्हाइट हाउस के अधिवक्ता डोनाल्ड मैकगन ने विशेष अधिवक्ता को बर्खास्त करने के लिए न्याय विभाग को कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इसके बजाय वह अपने पद से इस्तीफा दे देंगे।

मैकगन ने व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों से कहा कि मूलर को बर्खास्त करने से ट्रंप के राष्ट्रपति काल पर ‘विनाशकारी प्रभाव’ पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ट्रंप खुद इस बर्खास्तगी की भरपायी नहीं कर पाएंगे। इसके बाद बाद राष्ट्रपति ने अपना आदेश वापस ले लिया।

मैकगन ने काफी समय तक वाश्िंागटन में बतौर वकील रिपब्लिकन पार्टी के वित्तीय मामलों को संभाला है और संघीय निर्वाचन आयोग में अपनी सेवा दी है। साथ ही, वह ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में प्रमुख अधिवक्ता थे। राष्ट्रपति द्वारा द्वारा लिए गए हर महत्वपूर्ण फैसले में वह शामिल रहे हैं, मसलन पूर्व एफबीआई निदेशक जेम्स कॉमे को बर्खास्त करने का निर्णय, जिसकी जांच मूलर कर रहे थे।

व्हाइट हाउस के अधिवक्ता को यह भी चिंता थी कि मूलर को हटाने से ट्रंप के अभियान पर ज्यादा सवाल उठाए जाएंगे। राष्ट्रपति चुनाव 2016 में रूस की दखल की जांच में बाधा डालने की कोशिश को लेकर भी सवाल खड़े हो सकते हैं।

राष्ट्रपति ट्रंप और रूस ने कई बार इन आरोपों को खारिज किया है।

फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन के पूर्व निदेशक मूलर को मई 2017 में इन आरोपों की जांच के लिए विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया गया।

व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह विशेष अधिवक्ता के पद और इसकी प्रक्रिया के सम्मान में इस पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा।

हालांकि पूर्व व्हाइट हाउस कम्युनिकेशन डायरेक्टर एंथोनी स्कैरामुकी ने गुरुवार को रपट को बिल्कुल अप्रासंगिक बताते हुए खारिज कर दिया।

ट्रंप ने बुधवार को कहा कि कथित रूसी दखल की जांच के सिलसिले में वह उम्मीद करते हैं कि मूलर उनसे पूछताछ करेंगे और वह शपथ के तहत जवाब देंगे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

उत्तर कोरिया ने टेस्ट किया विस्फोटक ड्रोन, टारगेट पर सटीक निशाना लगाने में सक्षम

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नई दिल्ली । उत्तर कोरिया के मंसूबे बेहद ही खतरनाक हैं. उसने टारगेट पर सटीक निशाना लगाने के लिए डिजाइन किए गए विस्फोटक ड्रोन का टेस्ट किया है. तानाशाह किम जोंग उन ने इन हथियारों के बड़े पैमाने पर निर्माण में तेजी लाने को कहा है. टेस्ट ऐसे समय में किया है जब अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान निकटवर्ती अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में संयुक्त सैन्य अभ्यास में लगे हुए हैं. इसमें एडवांस लड़ाकू जेट विमान और एक अमेरिकी विमानवाहक पोत का यूज किया जा रहा है.

ड्रोन ने लक्ष्यों पर किया सटीक प्रहार

केसीएनए ने बताया कि ड्रोन ने विभिन्न मार्गों से उड़ान भरी और लक्ष्यों पर सटीक प्रहार किया। इसके चित्रों में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को निशाना बनाया गया। किम ने हथियार विकसित करने की प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया और ‘‘जल्द से जल्द एक श्रृंखला उत्पादन प्रणाली बनाने और बड़े पैमाने पर उत्पादन करने’’ की आवश्यकता पर बल दिया। किम ने बताया कि कैसे ड्रोन आधुनिक युद्ध में महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। केसीएनए ने किम के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि कई सैन्य गतिविधियों के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है।

टैंकों के पुराने मॉडल को किया गया टारगेट

सामने आई तस्वीरों से ऐसा लग रहा है कि ड्रोन से बीएमडब्ल्यू सेडान और टैंकों के पुराने मॉडल को टारगेट किया गया. किम हथियार विकसित करने की प्रक्रिया से खुश नजर आए. केसीएनए के अनुसार, किम ने कहा कि मिलिट्री एक्टिविटी के लिए ड्रोन कम लागत पर बनाना आसान है.

 

 

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