Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

ट्रक चालकों ने जीएसटी, डीजल के दाम रोजाना बदलने के खिलाफ की हड़ताल

Published

on

Loading

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)| पूरे देश में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और प्रतिदिन ईंधन तेलों की कीमत तय किए जाने के विरोध में ट्रक चालकों की दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल सोमवार को शुरू हुई। देशभर में ट्रक सड़कों से नदारद रहे।

दिवाली से पहले इस हड़ताल की वजह से आवश्यक वस्तुओं की ढुलाई न होने के कारण कीमतें बढ़ने की पूरी संभावना है। अखिल भारतीय मोटर परिवहन कांग्रेस (एआईएमटीसी) के अतिरिक्त उपाध्यक्ष (उत्तर) हरीश सभरवाल ने बताया कि सरकार और ट्रांसपोर्टरों के बीच मांगों को लेकर सहमति नहीं बनने के बाद बाद वार्ता विफल हो गई और सुबह आठ बजे हड़ताल का निर्णय लिया गया।

सभरवाल ने बताया, हमलोग आज (सोमवार) और मंगलवार को देशव्यापी चक्काजाम पर जा रहे हैं। सरकार हमारी मांगों से सहमत नहीं हुई, इसलिए वार्ता विफल हो गई। इस दौरान ट्रक मालिकों को 2000 करोड़ का घाटा होगा।

एआईएमटीसी भारत में ट्रांसपोर्टरों की सबसे बड़ी इकाई है और पूरे भारत में 93 लाख ट्रकों एवं 50 लाख बसों व पर्यटक ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करता है।

ट्रक-मालिकों का दावा है कि वे लोग जीएसटी से संबंधित परेशानियों की वजह से नई कर प्रणाली में काफी मुसीबत झेल रहे हैं।

एआईएमटीसी ने एक बयान में कहा कि अप्रत्यक्ष कर प्रणाली से ट्रांसपोर्टरों को पंजीकरण एवं बेवजह अनुपालन के लिए बाध्य होना पड़ा और इसे अवश्य ही दूर किया जाना चाहिए। ट्रांसपोर्टर ने इस बात पर भी शिकायत दर्ज करते हुए कहा कि जीएसटी प्रणाली के अंतर्गत प्रयोग की गई वस्तुओं पर दोहरा कर लगता है और इसे हटाया जाना चाहिए।

बयान के अनुसार, ट्रक को खरीदने और बेचने में दोहरे कर, 28 प्रतिशत से ट्रक मालिकों पर काफी बुरा असर पड़ा है।

ट्रांसपोर्टरों ने कहा कि वे लोग अपंजीकृत व्यापरियों के सामानों की आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं, क्योंकि अगर वे ऐसा करेंगे तो उनको अपंजीकृत व्यापारियों के बदले आरसीएम (रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म) के अंतर्गत कर चुकाना पड़ेगा।

हड़ताल से खाद्य सामग्रियों की आवाजाही पर बुरा असर पड़ा है। तमिलनाडु में ही अकेले 50,000 ट्रक सड़क से नदारद रहे।

एआईएमटीसी के उपाध्यक्ष-दक्षिण क्षेत्र पी.वी. सुब्रमणि ने आईएएनएस को बताया, ट्रक चालक इस दो दिनी हड़ताल में शामिल हो रहे हैं। पूरे राज्य में 5,000 करोड़ व्यापार घाटा और पूरे देश में इससे 10 गुना ज्यादा घाटा होने की संभावना है।

वहीं अखिल भारतीय मोटर यातायात कांग्रेस (एआईएमटीसी), दक्षिण क्षेत्र के महासचिव जी.आर. शणमुगप्पा ने आईएएनएस को बताया, पूरे कर्नाटक में सुबह छह बजे से सामानों की ढुलाई ठप हो गई और मंगलवार शाम छह बजे तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी।

शणमुगप्पा ने कहा, पूरे राज्य में हमसे जुड़ी अधिकतर इकाइयां मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं और करीब चार लाख ट्रकों का परिचालन बंद है। बड़ी संख्या में लोग खासकर चालक, सफाईकर्मी, पोर्टर और उनके कर्मचारी इस हड़ताल का समर्थन कर रहे हैं।

Continue Reading

नेशनल

मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांस

Published

on

Loading

नई दिल्ली। मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन हो गया है। दिल्ली के एम्स में आज उन्होंने अंतिम सांस ली। वह लंबे समय से बीमार चल रहीं थी। एम्स में उन्हें भर्ती करवाया गया था। शारदा सिन्हा को बिहार की स्वर कोकिला कहा जाता था।

गायिका शारदा सिन्हा को साल 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा का जन्म 1 अक्टूबर, 1952 को सुपौल जिले के एक गांव हुलसा में हुआ था। बेमिसाल शख्सियत शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला के अलावा भोजपुरी कोकिला, भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार रत्न, मिथिलि विभूति सहित कई सम्मान मिले हैं। शारदा सिन्हा ने भोजपुरी, मगही और मैथिली भाषाओं में विवाह और छठ के गीत गाए हैं जो लोगों के बीच काफी प्रचलित हुए।

शारदा सिन्हा पिछले कुछ दिनों से एम्स में भर्ती थीं। सोमवार की शाम को शारदा सिन्हा को प्राइवेट वार्ड से आईसीयू में अगला शिफ्ट किया गया था। इसके बाद जब उनकी हालत बिगड़ी लेख उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। शारदा सिन्हा का ऑक्सीजन लेवल गिर गया था और फिर उनकी हालत हो गई थी। शारदा सिन्हा मल्टीपल ऑर्गन डिस्फंक्शन स्थिति में थीं।

 

Continue Reading

Trending