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हेल्थ

डायबिटीज के मरीज संभालें अपना दिल

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नई दिल्ली। मधुमेह भारत में तेजी से महामारी का रूप लेती जा रही है। इस बीमारी से भविष्य में भारत पर कितना बोझ पड़ेगा, अभी इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है। दिल के रोगों की बढ़ती संख्या का मुख्य कारण भी मधुमेह ही है, क्योंकि दोनों का आपस में सीधा संबंध है। जीवनशैली की अनियमितताएं मधुमेह, मोटापा और हाईपरटेंशन होने का खतरा बढ़ा देते हैं, जिससे दिल की बीमारियों और छोटी उम्र में मौत का खतरा बढ़ जाता है। शहरों में तनाव की वजह से मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है, जबकि ग्रामीण इलाकों में शहरों के मुकाबले मधुमेह के मरीजों की तादाद महज एक चौथाई है।

इसका कारण यह है कि शहरों में लोग अत्यधिक तनाव में रहते हैं। वह व्यायाम कम करते हैं सोते कम हैं, मुख्य तौर पर अस्वास्थ्यकर खाना खाते हैं, खाने में अत्यधिक ट्रांसफैट, नमक और चीनी लेते हैं और तनाव से मुक्ति के लिए शराब और धूम्रपान का सहारा लेते हैं। इन बीमारियों को जड़ से मिटाने और इनसे होनी वाली समस्याओं से बचने के लिए जीवनशैली में बदलाव बेहद जरूरी है।

नई दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस एफएलटी राजन ढल हॉस्पिटल के एसोसिएट डायरेक्टर डॉ. रिपेन कुमार गुप्ता ने कहा कि मधुमेह और दिल के रोगों के संबंधों को समझने के लिए यह जानना जरूरी है कि दिल का दौरा तब पड़ता है, जब चर्बी के कण जिसे प्लॉक कहा जाता है, वह रक्त धमनियों में जमा होकर उनमें रुकावट पैदा कर देती हैं और दिल को रक्त और ऑक्सीजन मिलना बंद हो जाता है।

उन्होंने कहा कि इनसुलिन न बनने की वजह से रक्त में मौजूद अत्यधिक शूगर मधुमेह एवं कॉरनरी एथेरोसिलेरोसिस की शुरुआत का कारण बनती है। धीरे-धीरे प्लॉक रक्त धमनियों को सख्त और तंग कर देती है। इससे दिल की मांसपेशियों तक आक्सीजन युक्त रक्त नहीं पहुंच पाता। आगे चल कर प्लाक जमने से धमनियां फट सकती हैं और रक्त के थक्के जम सकते हैं और धमनियों के पूरी तरह से बंद होने की वजह से दिल का दौरा पड़ता है।

नोएडा स्थित कैलाश हस्पताल एवं हार्ट इंस्टीट्यूट के सीनियर इंटरवेनशनल कार्डियॉलॉजिस्ट डॉ. संतोष कुमार अग्रवाल ने कहा, “मधुमेह से पीड़ित लोगों को आम लोगों की तुलना में दिल के रोगों, दिल के दौरे और कॉर्डियोमायोपैथी की संभावना दो से चार गुना ज्यादा होती है। जितना ज्यादा किसी व्यक्ति का ब्लड शूगर होगा उतना ही हृदय रोग का खतरा ज्यादा होगा।”

उन्होंने कहा कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को थोड़ी ज्यादा सावधानी रखनी चाहिए और अपना इनसुलिन और दिल की दौरे के खतरे की जांच करते रहना चाहिए। जीवनशैली में कुछ बदलाव करके और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाओं का प्रयोग करके मधुमेह के मरीज खतरे को कम कर सकते हैं। शारीरिक गतिविधियों में शामिल होने से आपका रक्तचाप कम होगा, ब्लड शुगर कम होगी और वजन घटेगा, तनाव भी कम होगा।

हेल्थ

दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी

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नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.

एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.

डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।

डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।

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