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अन्तर्राष्ट्रीय

डोनाल्ड ट्रंप ने दिया रूस संग समझौते का प्रस्ताव

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trump-putin-1024लंदन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक ब्रिटिश अखबार से कहा कि यदि रूस परमाणु हथियार न्यूनीकरण समझौते पर राजी हो जाए तो उसके ऊपर से प्रतिबंध समाप्त किए जा सकते हैं।

टाइम्स ऑफ लंदन के साथ एक साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि वह चाहते हैं कि दुनिया की दो सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों -अमेरिका और रूस- के परमाणु शस्त्रागार पर्याप्त रूप में घटा दिए जाएं। ट्रंप ने कहा, “रूस पर प्रतिबंध लगाए गए हैं, देखते हैं रूस के साथ कुछ अच्छे समझौते हो पाते हैं क्या? एक समझौता तो मैं इस बारे में सोचता हूं कि परमाणु हथियार घटाए जाएं और काफी मात्रा में घटाए जाएं।”

ट्रंप ने हालांकि 22 दिसंबर को ट्वीट किया था कि जबतक दुनिया परमाणु हथियारों के बारे में समझदार नहीं हो जाती, तबतक अमेरिका को अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाते रहना चाहिए। उसी दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी सामरिक परमाणु क्षमता बढ़ाने का आह्वान किया था। लेकिन सोमवार के साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा कि उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) अप्रासंगिक हो गया है, जिसका गठन पूर्व यूएसएसआर की सैन्य ताकत का मुकाबला करने के लिए किया गया था।

ट्रंप ने सीरिया युद्ध में हस्तक्षेप के लिए भी रूस की आलोचना की, और उन्होंने इसे एक बहुत बुरी चीज कहा, जिसके कारण एक खतरनाक मानवीय स्थिति पैदा हो गई है। मॉस्को में संसद सदस्यों ने ओबामा प्रशासन द्वारा यूक्रेन संकट को लेकर रूस पर लगाए गए प्रतिबंधों पर ट्रंप के बयान पर मिश्रित प्रतिक्रिया की है।

समाचार एजेंसी आरआईए नोवोस्ती के अनुसार, संसद के ऊपरी सदन की अंतर्राष्ट्रीय मामलों की समिति के प्रमुख, कॉन्स्टैंटिन कोसाचेव ने कहा कि न तो प्रतिबंधों को समाप्त कराना लक्ष्य है, और न तो इसके लिए सुरक्षा में कटौती करना ही। लेकिन एक अन्य रूसी सीनेटर, ओलेग मोरोजोव ने कहा है कि मॉस्को परमाणु कटौती के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए तैयार रहेगी, क्योंकि यह एक ऐसा मुद्दा है, जिसका समर्थन रूस खुद भी करता है।

अन्तर्राष्ट्रीय

मक्का में भीषण गर्मी से अब तक 1300 से अधिक हज यात्रियों की मौत, 98 भारतीय भी शामिल

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नई दिल्ली। सऊदी अरब में भीषण गर्मी से मरने वाले हाजियों की संख्या 1300 के पार हो गई है। कई वीडियो वायरल हुए हैं जिसमें सड़क पर हाजियों के शव पड़े हुए दिखाई दे रहे हैं। रविवार को सऊदी अरब ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि हज यात्रा के दौरान इस साल कम से कम 1301 लोगों की मौत हुई है। जिनमें गर्मी के कारण कई लोगों की जान गई। जबकि पांच में से चार लोगों की जान “अनधिकृत” यात्राओं के कारण हुईं. सऊदी अरब सरकार ने एक बयान में कहा कि, “इस साल गर्मी ने स्वास्थ्य प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे कई लोग परेशान हो गए। अफसोस की बात ये है कि इस दौरान 1,301 लोगों की मौत हो गई।

सरकारी टीवी अल अखबरिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को इलाज के लिए हवाई मार्ग से राजधानी रियाद लाया गया है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, उन्होंने कहा कि मृत तीर्थयात्रियों की पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई के पास कोई दस्तावेज नहीं थे। उन्होंने बताया कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, लेकिन इस बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी। इस साल हज के दौरान 98 भारतीय तीर्थयात्रियों की मौत हुई है। मृतकों में सबसे बड़ी संख्या मिस्र के तीर्थयात्रियों की है। मिस्र के 660 से अधिक नागरिकों की मौत हुई है। काहिरा में दो अधिकारियों ने बताया कि 31 को छोड़कर सभी गैर-पंजीकृत तीर्थयात्री थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि मृतक लोगों में कई बुजुर्ग और लंबे समय से बीमार व्यक्ति शामिल हैं। इस साल हज यात्रा के दौरान सैकड़ों मौतों और चोटों के पीछे अत्यधिक गर्मी को मुख्य वजह बताया गया। बीते सोमवार को मक्का में तापमान 51.66 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बता दें कि इस साल सऊदी अरब प्रशासन ने हज यात्रा के लिए दुनियाभर के 18 लाख लोगों को हज पर आने की इजाजत दी थी। इसमें हजारों ऐसे यात्री भी शामिल हुए जिन्हें हज के लिए लाइसेंस नहीं दिया गया था। जिसके चलते उन्हें हज यात्रियों जैसी सुविधाएं नहीं मिली। इसलिए वह खुले आसमान में रहने को मजबूर हो गए। साथ ही उन्हें अधिकृत रूप से हाजियों को ले जाने वाली बसों में भी यात्रा का लाभ नहीं जिसके चलते ये लोग गर्मी का शिकार हो गए और कई की इसमें जान चली गई।

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