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मनोरंजन

तंगी से गुजर रही फिल्म ‘देवदास’ की ये मशहूर एक्ट्रेस, मां को डिस्चार्ज कराने तक का पैसा नहीं

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मुंबई। अगर आप ने देवदास देखी है तो आपको पारो की फ्रेंड का किरदार निभाने वाली मनोरमा जरुर याद होगी लेकिन अगर आपको वो भी नहीं याद तो सीरियल ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ की पायल का ध्यान तो आज भी कहीं न कहीं आपके जेहन में होगा।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेजी हां। दरअसल, हम बात कर रहे है छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक काम करने वाली मशहूर टीवी एक्ट्रेस जया भट्टाचार्य की। टीवी शो ‘कहानी हमारे महाभारत की'(2008) में कुंती का रोल करने वालीं जया भट्टाचार्य इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रही हैं।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेउन्हें अभी मां के इलाज के लिए 10 लाख रु. की फाइनेंशियल मदद की जरूरत है। इसी राशि के लिए उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उनकी मां मुंबई के एक हॉस्पिटल में वेंटीलेटर पर हैं।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेबता दें, जया पिछले 17 सालों से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक्टिव हैं लेकिन इसके बाद भी उन्हें फिलहाल काम नहीं मिल रहा है।हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान, जया ने से खास बातचीत कर अपनी परेशानियां शेयर कीं।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेहाल ही में उन्होंने अपने प्रोड्यूसर और क्लोज फ्रेंड्स के बातचीत कर आर्थिक मदद मांगी है। इसी सिलसिले में उन्हें कुछ शोज में छोटे-मोटे रोल भी मिल गए हैं। जया ने बताया, हां मैं इन दिनों आर्थिक तंगी से गुजर रही हूं। ये खबर सच है।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेईमानदारी से  बताऊं तो मेरे ऊपर फिलहाल 10 लाख रु. का बर्डन है। इन पैसों की मुझे जल्द से जल्द जरूरत है। मेरे फाइनेंशियल कंडीशन अभी काफी डाउन है। इसे बैलेंस करने के लिए मैं काम की भी तलाश कर रही हूं।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसेअसम की रहने वाली जया को आखिरी बार टीवी शो ‘थपकी प्यार की’ में देखा गया था। वे अबतक ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कसम से’, ‘पलछिन’, ‘केसर’, ‘हातिम’ और ‘कोशिश एक आशा’ जैसे 30 से भी ज्यादा शोज में काम कर चुकी हैं।

तंगी से गुजर रही 'महाभारत' की कुंती, वेंटिलेटर पर है मां पर इलाज के लिए नहीं पैसे

इसके अलावा वे ‘सिर्फ तुम’, ‘फिजा’, ‘क्योंकि मैं झूठ नहीं बोलता’, ‘देवदास’, ‘लज्जा’,’ हो सकता है’, ‘जिज्ञासा’, ‘एक विवाह ऐसा भी’ जैसी फिल्मों में भी नजर आई हैं

उत्तर प्रदेश

डेकोरेटिव लाइट्स से महाकुंभ बनेगा भव्यता का प्रतीक

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प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने के लिए योगी सरकार अनेक अभिनव प्रयास कर रही है। इसी क्रम में पूरे मेला क्षेत्र को डेकोरेटिव लाइट्स से सजाया जा रहा है। 8 करोड़ की लागत से उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लि. की ओर से पूरे मेला क्षेत्र में 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल का जाल बिछाया जा रहा है। संगम जाने वाली हर प्रमुख सड़क पर यह अलौकिक पोल और लाइट श्रद्धालुओं का स्वागत करती नजर आएगी। योगी सरकार का यह प्रयास न केवल श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभव देगा, बल्कि भारतीय संस्कृति और आधुनिकता का अद्भुत संगम भी प्रस्तुत करेगा।

प्रमुख मार्गों पर अनूठी रोशनी का जादू

अधीक्षण अभियंता महाकुंभ मनोज गुप्ता ने बताया कि सीएम योगी की।मंशा के अनुरूप महाकुंभ को भव्य रूप देने के लिए विद्युत विभाग बड़े पैमाने पर कार्य कर रहा है। डेकोरेटिव लाइट्स और डिजाइनर पोल्स उसी का हिस्सा है। मेला क्षेत्र में लाल सड़क, काली सड़क, त्रिवेणी सड़क और परेड के सभी मुख्य मार्गों को आकर्षक डेकोरेटिव लाइट्स से रोशन किया जा रहा है। ये लाइट्स भगवान शंकर, गणेश और विष्णु को समर्पित हैं, जो श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और सौंदर्य का अनुभव कराएंगी।

8 करोड़ की भव्य परियोजना

अधिशाषी अभियंता अनूप सिंह ने बताया कि पूरे मेला क्षेत्र में 8 करोड़ से ज्यादा की लागत से 485 डिजाइनर स्ट्रीट लाइट पोल लगाए जा रहे हैं। इस बार टेंपरेरी की बजाय स्थायी पोल्स का निर्माण किया गया है, जो महाकुंभ के बाद भी क्षेत्र की रौनक बनाए रखेंगे। हर पोल को कलश और देवी-देवताओं की आकृतियों से सजाया गया है, जो मेले के वातावरण को सांस्कृतिक वैभव से भर देंगे। 15 दिसंबर तक सभी डेकोरेटिव लाइट्स का कार्य संपन्न कर लिया जाएगा, जिसके बाद रात में मेला क्षेत्र की आभा देखते ही बनेगी।

विद्युत विभाग का अभिनव प्रयास

उन्होंने कहा कि महाकुंभ में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं के अनुभव को यादगार बनाने के लिए यह विद्युत विभाग की ओर से एक अभूतपूर्व पहल है। आधुनिक तकनीक और सांस्कृतिक प्रतीकों के मेल से यह परियोजना महाकुंभ को विश्वस्तरीय भव्य आयोजन का दर्जा देगी। महाकुंभ के लिए लगाए गए ये डेकोरेटिव पोल्स स्थायी रहेंगे, जिससे क्षेत्र में आने वाले पर्यटक भी लंबे समय तक इस भव्यता का आनंद ले सकेंगे। डेकोरेटिव लाइट्स से सजे इस महाकुंभ में हर श्रद्धालु को आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक गर्व का अनुभव होगा। यह पहल महाकुंभ को भारतीय संस्कृति की भव्यता और आधुनिक विकास का अद्वितीय प्रतीक बनाएगी।

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