हेल्थ
तंबाकू व इससे बने उत्पाद हैं धीमा जहर
लखनऊ। समाज के सभी वर्गो में अपनी पैठ बना चुके तंबाकू व उससे बने उत्पाद लोगों को कई बीमारियों की ‘सौगात’ बिना शुल्क के प्रदान करते हैं। ये सौगात मुंह के छाले से शुरू होकर कैंसर तक का सफर बहुत ही कम समय में पूरा कर लेती हैं। ये बीमारियां तंबाकू सेवन करने वाले का सब कुछ छीन लेती हैं। तंबाकू जन मानस में खैनी के नाम से प्रचलित है। इसके अलावा तंबाकू का हुक्के और चिलम में भी प्रयोग किया जाता है। वहीं कुछ लोग तंबाकू को बीड़ी, सिगरेट और सिगार के रूप में भी प्रयोग करते हैं। समय बदलने के साथ तंबाकू से बने उत्पादों का भी स्वरूप बदला है। इस समय दोहरा और गुटका के रूप में तम्बाकू से बने उम्पाद सबसे अधिक लोकप्रिय हैं।
डॉ. आशा शंकर वर्मा के अनुसार, गुटखा खाने से मुंह में छाले और सफेद दाग से शुरुआत होती है, जो धीरे-धीरे कैंसर का रूप धारण कर लेता है। मुंह के छाले और सफेद दाग होने के बाद मुंह धीरे-धीरे और कम खुलने लगता है। इससे मुंह की सफाई कम हो पाती है। मुंह की सफाई न हो पाने से मुंह में बैक्टीरिया पैदा हो जाते हैं। ये बैक्टीरिया बीमारियों के जन्म देते हैं। डॉ. वर्मा ने बताया कि कैंसर के पूर्व की स्थित में किसी अच्छे चिकित्सक से इलाज करवाकर बचा जा सकता है। लेकन कैंसर हो जाने की स्थिति में भगवान ही मालिक हैं। उन्होंने बताया कि तंबाकू और इससे बने उत्पाद धीमा जहर हैं। चिंता की बात है कि नशे की यह लत किशोरों और महिलाओं को भी अपने आगोश में समेट रहे हैं। इसलिए इनसे दूर रहना ही उचित है।
हेल्थ
दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी
नई दिल्ली। दिल्ली में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी का क्रम लगातार जारी है. अस्पतालों और नर्सिंग होम्स में अकेले डेंगू के मरीजों में भारी संख्या में इजाफे की सूचना है. दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक साल 2024 में डेंगू के अब तक 4533 मरीज सामने आए हैं. इनमें 472 मरीज नवंबर माह के भी शामिल हैं.
एमसीडी की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली में इस साल अब तक मलेरिया के 728 और चिकनगुनिया के 172 केस दर्ज हुए हैं.
डेंगू एक गंभीर वायरल संक्रमण है, जो एडीज़ मच्छर के काटने से फैलता है। इसके होने से मरीज को शरीर में कमजोरी लगने लगती है और प्लेटलेट्स डाउन होने लगते हैं। एक आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख प्लेटलेट्स होते हैं। डेंगू से ये प्लेटलेट्स गिरते हैं। डॉक्टरों का मानना है कि 10 हजार प्लेटलेट्स बचने पर मरीज बेचैन होने लगता है। ऐसे में लगातार मॉनीटरिंग जरूरी है।
डॉक्टरों के अनुसार, डेंगू के मरीज को विटामिन सी से भरपूर फल खिलाना सबसे लाभकारी माना जाता है। इस दौरान कीवी, नाशपाती और अन्य विटामिन सी से भरपूर फ्रूट्स खिलाने चाहिए। इसके अलावा मरीज को ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट देना चाहिए। इस दौरान मरीज को नारियल पानी भी पिलाना चाहिए। मरीज को ताजा घर का बना सूप और जूस दे सकते हैं।
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