प्रादेशिक
तमिलनाडु : उथल-पुथल भरा रहा यह साल
चेन्नई| तमिलनाडु के लिए वर्ष 2014 बेहद उथल-पुथल भरा रहा। अदालत के फैसले राज्य में कई परिवर्तनों के कारण बने। कुछ फैसलों से प्रदेश के कई धुरंधरों के राजनीतिक भविष्य पर अनिश्चितता का बादल मंडराया।
राज्य की राजनीति को सबसे तगड़ा झटका अदालत द्वारा भ्रष्टाचार के एक मामले में मुख्यमंत्री को दोषी ठहराने से लगा, परिणामस्वरूप आनन-फानन में पार्टी के नेता ओ.पन्नीरसेल्वम को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठाया गया।
सर्वोच्च न्यायालय ने मुल्लापेरियार मामले में फैसला तमिलनाडु के पक्ष में दिया। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) से एम.के.अलागिरी की विदाई हुई, तो कांग्रेस छोड़ने के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जी.के.वासन ने ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम का गठन किया।
इसी वर्ष लोगसभा चुनाव में राज्य की 39 में से 37 सीटें जयललिता की पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने जीतीं और वायको की अगुवाई वाली एमडीएमके श्रीलंका नीति पर भाजपा नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार से अलग हो गई।
मद्रास विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर रामू मणिवन्नन ने कहा, “यह वर्ष राज्य के राजनीतिक परिदृश्य के लिए बेहद उथल-पुथल भरा रहा। राजनीति में अभिनेताओं के भविष्य पर अनिश्चितता दिखी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में राष्ट्रीय पार्टी के रूप में कांग्रेस की जगह ले ली।”
आय से अधिक संपत्ति मामले में मुख्यमंत्री जयललिता को चार वर्षो की सजा सुनाई गई और उनपर सौ करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। जयललिता को सजा भ्रष्टाचार विरोधी अधिनियम तथा भारतीय दंड संहिता के तहत हुई।
हालांकि बाद में सर्वोच्च न्यायालय से जयललिता को जमानत मिल गई।
यह जयललिता के लिए किसी बेहद बड़े झटके से कम नहीं था। एक तरफ लोकसभा चुनाव में भारी विजय तथा मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर को बढ़ाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से उन्हें खुशी मिली, तो दूसरी तरफ राजनीतिक कैरियर ही दांव पर लग गया।
उल्लेखनीय है कि बीते पांच मई को सर्वोच्च न्यायालय का फैसला तमिलनाडु के पक्ष में आया, जिसमें मुल्लापेरियार बांध में जलस्तर को 136 फीट से बढ़ाकर 142 फीट करने की इजाजत दी गई।
वहीं दूसरी पार्टियों की ओर रुख करें, तो वर्ष की शुरुआत में डीएमके नेताओं की आलोचना करने तथा पार्टी को बदनाम करने के आरोपों के तहत पार्टी नेता तथा पार्टी अध्यक्ष एम.करुणानिधि के पुत्र अलागिरी को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
उल्लेखनीय है कि आम चुनाव में डीएमके तथा उसकी गठबंधन सहायक पार्टी कांग्रेस एक भी सीट नहीं जीत पाई।
कांग्रेस की इस बड़ी हार के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री जी.के.वासन पार्टी से अलग होकर अपनी जमीन बनाने के तहत नवंबर में अपनी नई पार्टी बनाई।
वर्ष के अंत में वाइको के नेतृत्व वाली एमडीएमके केंद्र सरकार की श्रीलंका नीतियों का विरोध करते हुए राजग सरकार से अलग हो गई।
मणिवन्नन ने कहा, “राज्य का राजनीतिक परिदृश्य निरंतर परिवर्तनशील है। यह संक्रमण के दौर से गुजर रहा है और वर्ष 2016 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नया राजनीतिक परिदृश्य सामने आ सकता है।”
क्लब, होटलों, कंपनियों व अन्य संगठनों में धोती पहनकर जाने से रोक लगाने के खिलाफ सरकार द्वारा दो कानून बनाए गए।
आम आदमी की बात करें तो दूध, बिजली तथा अन्य चीजों में महंगाई से उनका जीना थोड़ा मुश्किल हुआ।
राज्य में वर्ष 2014 में हुई अन्य घटनाएं :
– भाजपा तथा कांग्रेस को नया प्रदेश अध्यक्ष मिला।
– वर्ष 2014 में कोंबाकोनम में एक स्कूल में हुई गोलीबारी में 10 लोगों को दोषी ठहराया गया। इस घटना में 94 बच्चे मारे गए थे, जबकि 18 घायल हुए थे।
– निर्माणाधीन अपार्टमेंट गिरने से 60 लोग मरे।
-ग्रेनाइट घोटाले की जांच मद्रास उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार की इच्छा के खिलाफ भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी यू.सगायम को सौंपा।
– राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में एक वैश्विक निवेशक बैठक की घोषणा की।
उत्तर प्रदेश
संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद
संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।
इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।
इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।
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