बिजनेस
तीसरी पीढ़ी के इस्पात से बढ़ेगी कारों की माइलेज
न्यूयार्क | अमेरिका के एक विश्वविद्यालय में तीसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा रहा है, जिसके उपयोग से कारों की माइलेज बढ़ाई जा सकेगी। यह बात शोधार्थियों ने कही। विश्वविद्यालय ने इसका नाम रखा है ‘थर्ड जनरेशन एडवांस्ड हाई-स्ट्रेंथ स्टील’। यानी तीसरी पीढ़ी का अत्याधुनिक अधिक मजबूती वाला इस्पात। इसका विकास मिसौरी युनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्न ोलॉजी के केंट डी. पीजली स्टील मैन्यूफैक्च रिंग रिसर्च सेंटर में किया जा रहा है।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी बयान में सेंटर के निदेशक रोनाल्ड ओ मैली ने कहा, “अभी हम इसकी डिजाइन को बेहतर करने में लगे हैं, ताकि तीसरी पीढ़ी के मैकेनिकल गुणों को और बड़े पैमाने पर उत्पादन किए जा सकने की योग्यता हासिल की जा सके।” ओ मैली ने कहा, “वाहन कंपनियों को बिना सुरक्षा से समझौता किए हल्के वाहन बनाने चाहिए।” प्रथम पीढ़ी के इस्पात का आज आम तौर पर कारों और ट्रकों में इस्तेमाल किया जा रहा है।
दूसरी पीढ़ी के इस्पात का विकास किया जा चुका है और यह अपेक्षाकृत हल्का और मजबूत है। दूसरी पीढ़ी के इस्पात का विनिर्माण हालांकि अत्यधिक महंगा है और इसकी प्रक्रिया काफी जटिल है। उन्होंने कहा, “तीसरी पीढ़ी का इस्पात और हल्का, आसानी से उत्पादन करने योग्य और अधिक मजबूत होना चाहिए।” आर्सेलरमित्तल सहित चार प्रमुख इस्पात कंपनियों के प्रतिनिधि इस परियोजना की देखरेख कर रहे हैं।
नेशनल
ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला
हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला
क्या है पूरा मामला ?
सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।
कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।
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